मूली को ज्यादातर लोग कच्ची सब्जी/ Raw Vegetable के तौर पर खाना पसंद करते हैं. मूली की खेती किसानों के लिए बेहद लाभकारी है. क्योंकि किसान मूली की उन्नत किस्मों को साल भर अपने खेत में लगाकर अच्छी मोटी कमाई कर सकते हैं. बता दें कि इसकी खेती कंद सब्जी की तरह होती है और यह ऐसी सब्जी है, जो बेहद कम समय में ही तैयार हो जाती है. मूली की खेती में रुचि रखने वाले किसानों के लिए आज हम इनकी तीन उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए है, जिन किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह पूसा हिमानी, जापानी सफेद और पूसा रेशमी किस्म है. यह सभी किस्में 50-60 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं और साथ ही इन किस्मों की पैदावार क्षमता प्रति हेक्टेयर 250-350 क्विंटल तक है.
किसान मूली की खेती/ Radish Cultivation को छोटे स्थान से लेकर बड़े स्थान पर सरलता से अपने बजट के मुताबिक उगा सकते हैं. ऐसे में आइए मूली की इन तीनों किस्मों के बारे में जानते हैं-
मूली की टॉप तीन उन्नत किस्में/ Top Three Improved Varieties of Radish
पूसा हिमानी किस्म/ Pusa Himani Variety - मूली की पूसा हिमानी किस्म किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. इस किस्म की मूल में हल्का तीखा स्वाद होता है, जोकि खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है. पूसा हिमानी किस्म 50-60 दिनों के अदंर पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है. यह किस्म प्रति हेक्टेयर 320-350 क्विंटल तक अच्छा उत्पादन देती है.
जापानी सफेद किस्म/ Japanese White Variety - मूली की यह किस्म दिखने में बेलनाकार होती है, जो खाने में बहुत तीखी होती है. जापानी सफेद मूली मुलायम और चिकनी होती है, जिसके चलते बाजार में इसकी डिमांड अधिक होती है. मूली की जापानी सफेद किस्म की बुवाई करने के लगभग 45-55 दिन में अच्छे से पक जाती है. इससे किसान प्रति हेक्टेयर 250-300 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
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पूसा रेशमी किस्म/Pusa Silk Variety - इस किस्म की मूली चिकनी और खाने में हल्की तीखी होती है. मूली की पूसा रेशमी किस्म खेत में 55-60 दिन में तैयार हो जाती है. इसके जड़ की लंबाई 30-35 सेंटीमीटर तक होती है. इससे किसान प्रति हेक्टेयर 315-350 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
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