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Lenlit Varities: मसूर की इन किस्मों की करें खेती, देंगी रिकॉर्ड तोड़ पैदावार!

Masoor Varieties: मसूर की खेती की खास बात यह है कि यह कम पानी में अधिक उपज देती है, जिससे किसानों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और वे कम लागत में अच्छी आमदनी कर सकते हैं. यदि आप मसूर की एल 4717 (पूसा अगेती मसूर), एल 4727, एल 4729, पीडीएल-1 (पूसा अवंतिका) और पीएसएल-1 (पूसा युवराज) की खेती करते हैं तो शानदार मुनाफा कमा सकते हैं.

KJ Staff
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मसूर की ये किस्में देंगी कम खर्च में ज्यादा मुनाफा ( Image source - shutterstock)

मसूर की खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल मानी जाती है. इसके दाल को भारत के हर राज्य में पसंद किया जाता है और बाजारों में भी इसकी मांग बनी रहती है. अगर आप भी रबी सीजन में शानदार मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में सुझाए गए मसूर की उन्नत किस्मों की खेती करके शानदार मुनाफा कमा सकते हैं.

मसूर की खेती करने के फायदे

मसूर रबी सीजन की फसल है, जिसकी खेती किसान अक्टूबर–नवंबर के महीने में करते हैं और यह फसल मार्च–अप्रैल में पककर तैयार हो जाती है. मसूर की खेती की खास बात यह है कि यह कम पानी में अधिक उपज देती है, जिससे किसानों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती और वे कम लागत में अच्छी आमदनी कर सकते हैं.

मसूर की उन्नत किस्में

किसान अगर रबी सीजन में मसूर की खेती करते हैं तो वे अधिक उपज और अच्छा लाभ कमा सकते हैं, क्योंकि यह फसल वर्षा आधारित होती है और ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. साथ ही देखभाल भी कम करनी पड़ती है. यदि आप मसूर की इन किस्मों की खेती करते हैं तो होगा जबरदस्त फायदा:

  • एल 4717 (पूसा अगेती मसूर)

  • एल 4727

  • एल 4729

  • पीडीएल-1 (पूसा अवंतिका)

  • पीएसएल-1 (पूसा युवराज)

 

मसूर की ये किस्में कितनी देती हैं पैदावार?

इन उन्नत किस्मों से किसानों को अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता वाले दाने प्राप्त होते हैं:

  • एल 4717 (पूसा अगेती मसूर): जल्दी पकने वाली किस्म है, जो 95–100 दिन में तैयार होकर प्रति हेक्टेयर 12.5 से 20 क्विंटल तक उपज देती है.

  • एल 4727 और एल 4729: सूखा सहनशील किस्में हैं, जो औसतन 23 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देती हैं.

  • पीडीएल-1 (पूसा अवंतिका) और पीएसएल-1 (पूसा युवराज): ये रोग प्रतिरोधक किस्में हैं, जिनसे 19 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन मिल सकता है.

साथ ही यदि किसान उचित सिंचाई, जैव उर्वरकों और कीट नियंत्रण पर ध्यान दें तो पैदावार और भी बढ़ सकती है.

बाजार में कितना होगा मुनाफा?

मसूर की दाल की मांग हर मौसम में बनी रहती है. अगर इसके बाजार भाव की बात करें तो यह 100 से 130 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है.

  • एक हेक्टेयर भूमि में किसान 10 से 15 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं.

  • इस फसल की लागत 25 से 30 हजार रुपये तक आती है.

  • किसानों को इससे 1.2 से 1.8 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है.

  • यानी वे आसानी से दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं.

English Summary: Top masoor lenlit varities will benefit farmers in lakhs know how Published on: 14 October 2025, 12:06 AM IST

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