सर्दियों का मौसम शुरू होते ही बाजार में पालक की मांग तेजी से बढ़ जाती है. हरी सब्जियों में पालक का अपना ही एक अलग महत्व होता है. इस सब्जी में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिसके चलते लोगों के द्वारा इसे सबसे अधिक खरीदा जाती है. ऐसे में अगर आप पालक की उन्नत खेती/ Cultivation of Spinach करते हैं, तो इससे आप अच्छी मोटी कमाई कर सकते हैं. इसी क्रम में आज हम किसानों के लिए पालक की पांच उन्नत किस्मों/ Five Varieties of Spinach की जानकारी लेकर आए हैं, जो लगभग 40 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं और साथ ही ये किस्में 20 टन प्रति एकड़ तक उपज देती हैं.
पालक की जिन पांच उन्नत किस्मों की हम बात कर रहे हैं. वह ऑल ग्रीन किस्म, जोबनेर ग्रीन किस्म, पूसा हरित किस्म, पंजाब ग्रीन किस्म और पूजा ज्योति किस्म/ All Green variety, Jobner Green variety, Pusa Green variety, Punjab Green variety and Pooja Jyoti variety हैं. आइए इन उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
पालक की टॉप 5 उन्नत किस्में
ऑल ग्रीन किस्म- पालक की इस किस्म की खेती सर्दी के मौसम में किसानों के द्वारा सबसे अधिक की जाती है. इसके पौधे हरे, आकार में चौड़े और बेहद मुलायम होते हैं. यह किस्म 35 से 40 दिन में तैयार हो जाती है. पालक की ग्रीन किस्म से किसान 6-7 बार फसल की कटाई कर सकते हैं.
जोबनेर ग्रीन किस्म- पालक की यह किस्म को खाने में काफी अधिक इस्तेमाल की जाती है. क्योंकि यह इस किस्म की फसल के पत्ते पकने के समय आसानी से गल जाते हैं. किसान इसकी खेती क्षारीय मिट्टी में भी सरलता से कर सकते हैं. पालक की जोबनेर ग्रीन किस्म करीब 40 दिन में पककर तैयार हो जाती है.
पूसा हरित किस्म- इस किस्म की खासियत यह है कि किसान इसे मैदानी इलाकों के अलावा पहाड़ी क्षेत्रों की मिट्टी में भी सरलता से उगा सकते हैं. पूसा हरित किस्म के पालक के पत्ते गहरे हरे रंग के होते है. वहीं, आकार में ये काफी बड़े भी होते हैं. पालक की यह किस्म 35 से 40 दिन में पक जाती है.
पंजाब ग्रीन किस्म- पालक की पंजाब ग्रीन किस्म को खास तौर पर पंजाब के किसानों के लिए तैयार किया गया है. पालक की इस किस्म के पत्ते काफी चमकीले हरे रंग के होते हैं. किसान इससे 6-7 बार कटाई कर फसल प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म प्रति एकड़ 14-16 टन उपज देती है.
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पूसा ज्योति किस्म- पालक की यह किस्म किसानों के लिए काफी लाभकारी होती है. इस किस्म के पालक बेहद मुलायम होते है और साथ ही ये बिना रेशे वाले भी होते हैं. पालक की इस उन्नत किस्म को किसान अगेती और पछेती में भी आसानी से पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म करीब 45 दिन के बाद पकना शुरू हो जाती है. किसान इससे 7 से 10 बार कटाई कर फसल प्राप्त कर सकते हैं. पूसा ज्योति किस्म से किसान पालक की 18 से 20 टन प्रति एकड़ पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
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