1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Top Five Varieties of Kathia Wheat: कठिया गेहूं की टॉप पांच उन्नत किस्में, उपज और फायदे

कठिया गेहूं की ये टॉप उन्नत किस्में एच.डी.-4728 (पूसा मालवी), एच.आई. - 8498 ( पूसा अनमोल), एच. आई. - 8381 (मालव श्री ), एम.पी.ओ.-1215 और एम.पी.ओ – 1106 किसानों को कम समय में 6.28 टन तक उपज देने में सक्षम हैं. इसके अलावा इन उन्नत किस्मों के गेहूं में कई तरह की बीमारियों से लड़ने के पोषक तत्व पाए जाते हैं.

लोकेश निरवाल
कठिया गेहूं की टॉप पांच उन्नत किस्में (Image Source: Pixabay)
कठिया गेहूं की टॉप पांच उन्नत किस्में (Image Source: Pixabay)

हमारे देश में किसानों के द्वारा गेहूं की खेती काफी बड़े स्तर पर की जाती है, जिसे किसान बाजार में बेचकर अधिक लाभ प्राप्त करते हैं. अगर आप भी गेहूं की खेती से अच्छा लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो ऐसे में आप गेहूं की कठिया किस्मों का चयन कर सकते हैं. क्योंकि यह किस्म गेहूं की बंपर पैदावार देने में सक्षम है. देखा जाए तो भारत में कठिया गेहूं की खेती करीब 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है. कठिया गेहूं में कई तरह की बीमारियों से लड़ने के पोषिक तत्व पाए जाते हैं. इसके अलावा कठियां गेहूं आद्यौगिक उपयोग लिए अच्छा होता है.

दरअसल, इससे बनने वाले सिमोलिना (सूजी/रवा) से शीघ्र पचने वाले व्यंजन जैसे- पिज्जा, स्पेघेटी, सेवेइयां, नूडल, वर्मीसेली आदि बनाये जाते हैं. इसमें रोग अवरोधी क्षमता अधिक होने के कारण बाजार में इसकी काफी अधिक मांग रहती है. ऐसे में आज हम किसानों के लिए कठिया गेहूं की टॉप पांच उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं, जो 100 से 120 दिन में पक जाती है और प्रति हेक्टेयर 6.28 टन तक उत्पादन देती है.

कठिया गेहूं की जिन पांच उन्नत किस्मों की हम बात कर रहे हैं, वह एच.डी.-4728 (पूसा मालवी), एच.आई. - 8498 ( पूसा अनमोल), एच. आई. - 8381 (मालव श्री ), एम.पी.ओ.-1215  और एम.पी.ओ – 1106/ HD-4728 (Pusa Malvi), H.I. - 8498 (Pusa Anmol), H.I. - 8381 (Malva Shree), M.P.O.-1215 and M.P.O.- 1106. है. ऐसे में आइए कठिया गेहूं की इन उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

कठिया गेहूं की पांच उन्नत किस्में/ Five Varieties of Kathia Wheat

एच.डी. 4728 (पूसा मालवी)- कठिया गेहूं की यह किस्म 120 दिन में पक जाती है. इस किस्म के दाने बड़े और चमकीले होते हैं. गेहूं की कठिया एच.डी.-4728 (पूसा मालवी) किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर 5.42 से 6.28 टन तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म तना व पत्ती के गेरुई रोग के प्रति रोधी होती है.

एच.आई. 8498 (पूसा अनमोल)- इस किस्म को किसान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के क्षेत्रों में आसानी से कर सकते हैं. कठिया गेहूं की इस किस्म में जिंक व आयरन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है.

एच. आई. - 8381 (मालव श्री)- यह किस्म देरी से बुवाई की जाने वाली होती है. कठिया गेहूं की एच. आई. - 8381 (मालव श्री) किस्म से किसान प्रति हेक्टेयर 4.0 से 5.0 टन तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

एम.पी.ओ. 1215-  कठिया गेहूं की इस किस्म से किसान  प्रति हेक्टेयर लगभग 4.6 से 5.0 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म की फसल 100 से 120 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है.

ये भी पढ़ें: गेहूं की ये तीन बायोफोर्टिफाइड किस्में 87.1 क्विंटल/हेक्टेयर तक देंगी पैदावार, 150 दिनों में पककर तैयार हो जाएगी फसल

एम.पी.ओ 1106-  कठिया गेहूं की एम.पी.ओ 1106 किस्म  करीब 113 दिन में पूरी तरह से पक जाती है. यह किस्म सिंचित क्षेत्रों में भी अच्छा उत्पादन देने में सक्षम है. कठिया गेहूं की इस किस्म को मध्य भारत के किसानों के द्वारा सबसे अधिक किया जाता है.

English Summary: top five varieties of kathia wheat hd-4728 pusa malvi h.i. 8498 pusa anmol h.i. 8381 malva shree m.p.o.1215 and m.p.o.1106 will give yield up to 6.28 tonnes Published on: 07 November 2023, 05:45 PM IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News