कृषि पर आधारित भारतीय इकोनमी के लिए अच्छी ख़बर है. मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, इस साल भी सामान्य या सामान्य से अधिक बरसात होने की संभावना है. ख़ास बात यह है कि इससे अनाज का उत्पादन बढ़ेगा, क्योंकि खरीफ फसलों (Kharif Crops) का योगदान खाद्य सुरक्षा के लिए अहम होता है. इस मौसम में वह फसलें बोई जाती हैं, जो पूरे वर्ष हमारा भरण-पोषण करती हैं, जिसमें से एक धान है. आज हम आपको धान की ‘पूसा सुंगंध 3’ (Pusa Sugandh 3 Paddy) वैरायटी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ आपको अच्छी पैदावार देगी, बल्कि अत्यधिक मुनाफा भी प्रदान करेगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आने वाले लगभग 10 दिन धान की खेती (Paddy Farming) के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इस फसल को बोते समय खेतों की तैयारी तथा उन्नत बीजों एवं उर्वरक की व्यवस्था करनी पड़ती है.
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस बार मानसून के समय से आने का पूर्वानुमान लगाया गया है, इसलिए किसान भाइयों को खरीफ फसलों को समय से बोने की तैयारी करने की आवश्यकता है.
पूसा सुगंध 3 धान
सीवीआरसी द्वारा पूसा सुगंध 3 किस्म को 2001 में बासमती उगाने वाले क्षेत्रों पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (West Uttar Pradesh), बिहार (Bihar), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), दिल्ली (Delhi), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), उत्तराखंड (Uttarakhand) और जम्मू और कश्मीर (Jammu and Kashmir) के लिए किस्म जारी की गई थी.
पूसा सुगंध 3 धान एक बौनी, अधिक उपज देने वाली और सुगंधित बासमती चावल की किस्म है, जो उत्तर भारत में कई फसल प्रणालियों के लिए उपयुक्त है. इसमें अतिरिक्त लंबे अनाज और उत्कृष्ट खाना पकाने की गुणवत्ता होती है. इसमें बिखरने की सहनशीलता होती है, जबकि यह प्रजनन अवस्था की लवणता के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है.
पूसा सुगंध 3 बुवाई
धान की इस किस्म की खेती का बुवाई का समय मई से जुलाई के पहले हफ्ते तक ही होता है.
पूसा सुगंध 3 बुवाई रोपाई
इस किस्म की रोपाई का समय जून के दूसरे सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक होता है. ध्यान रहे कि इसकी रोपण दूरी पंक्ति से पंक्ति की दूरी 20 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 15 सेमी होनी चाहिए.
पूसा सुगंध 3 बीजोपचार
इसकी बिजाई से पहले 10 ग्राम बाविस्टिन के साथ 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसागिसन के घोल की जरूरत होती है, जिसे 8 लीटर पानी में 24 घंटे के लिए भिगो दें. जिसके बाद 5 किलो का यह घोल इसके बीज के लिए काफी होता है.
पूसा सुगंध 3 खाद की मात्रा
48:24:24 मिलीग्राम के अनुपात से इसमें नाइट्रोजन, मोम और पोटास की प्रति एकड़ जरूरत होती है.
पूसा सुगंध 3 खरपतवार नियंत्रण
कम भूमि वाली नर्सरी में खरपतवार नियंत्रण के लिए प्रिटी लक्कनर + सैफनर का उपयोग करें.
कीट और रोगों का नियंत्रण करने के लिए क्लोरोपायरीफॉस को 1.5 लीटर प्रति एकड़ और क्लोरोपाइरीफॉस को 500 मिली प्रति एकड़ डालने की आवश्यकता होती है.
पूसा सुगंध 3 सिंचाई
इस किस्म की समय-समय पर आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहें.
पूसा सुगंध 3 कटाई
यह 120-125 दिनों में परिपक्व हो जाती है जिसके बाद यह कटाई के लिए तैयार हो जाती है.
पूसा सुगंध 3 उपज
इसकी 40 से 45 क्विंटल प्रति एकड़ की औसत से उपज होती है.
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