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मसालों और दवाइयों में होता है इस प्लांट का उपयोग, इसकी खेती कर कमाएं मुनाफा

सेज प्लांट एक बारहमासी पौधा है, इसमें विभिन्न रंगों के फूल खिलते हैं। इसे ऋषि पौधा भी कहा जाता है. इसकी पत्तियों का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है, साथ ही जड़ी जूड़ियों में भी, ऐसे में इसकी खेती भी मुनाफेमंद है.

राशि श्रीवास्तव
सेज प्लांट की खेती
सेज प्लांट की खेती

सेज प्लांट एक बारहमासी पौधा है, इसमें विभिन्न रंगे के फूल खिलते हैं। इसे ऋषि पौधे भी कहा जाता है. इसकी पत्तियों का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है, साथ ही जड़ी जूड़ियों में भी, ऐसे में इसकी खेती भी मुनाफेमंद है. सेज की खेती  करने के लिए ज्यादा देखभाल करने की जरुरत नहीं होती, लेकिन शुरुआत में इसकी अच्छी तरह से देखभाल करनी होती है. जिस खेत में सेज की खेती करनी हो, वहां की मिट्टी का उपजाऊ होना बहुत ही आवश्यक है. आइए जानते हैं सेज की खेती के बारे में

सेज प्लांट के प्रकार-

दुनिया में कई तरह के सेज प्लांट होते हैं, इनमें से कुछ खाने योग्य नहीं होते, ऐसे में खेती करते वक्त सही पौधों का चयन जरूरी है. सेज की विभिन्न वैराएटी में गार्डन सेज, पर्पल सेज, ट्राई कलर सेज, गोल्डन सेज शामिल हैं. किस्म व स्थान के आधार पर सेज का स्वाद बदल जाता है. जैसे क्लेरी सेज की पत्तियां बहुत बड़ी होती हैं, इनका उपयोग वाइन को स्वादिष्ट बनाने में होता है. बैंगनी सेज में चमकीले नीले रंग के फूल होते हैं, इसका उपयोग खाने में होता है. तिरंगा सेज एक सजावटी किस्म है, जिसका स्वाद हल्का होता है, ऐसे में इसका उपयोग खाने में कम, सजावट में ज्यादा होता है. ग्रेप सेंटेड सेज, इसके पौधे बहुत बड़े होते हैं. पाइनएप्पल सेज, औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है. व्हाइट सेज का इस्तेमाल मुख्यतः खाने के लिए होता है. स्कालेंट सेज वार्षिक पौधा है, जो सूरज की रोशनी में पनपता है. ऐसे में आप जलवायु व उपयोग के आधार पर सेज प्लांट के पौधे का चयन कर सकते हैं.

भूमि का चुनाव -

वैसे तो सेज की खेती किसी भी तरह की भूमि में की जा सकती है, लेकिन भूमि की मिट्टी भरना बहुत जरूरी है. अलावा खेत में गोबर की ग्रन्थ से कई बार जुड़कर आवेदन कर सकते हैं इस तरह मिट्टी में सेज की खेती बहुत आसानी से की जा सकती है.

पौधारोपण की जानकारी - 

सबसे अच्छी बात यह है कि सेज का पौधा किसी भी प्रकार के पौधारोपण में लगाया जा सकता है. इसके लिए किसी एक जीव की आवश्यकता नहीं होती है. इस संयंत्र को मध्यम ताप पसंद है. ऐसे में आसानी से सेज उगा सकते हैं.

पौधारोपण का समय –

सेज के ढांचे की पौध बनाने के लिए बीजारोपण का समय जुलाई से अगस्त के महीनों का होता है. जब बीजो से संयंत्र अंकित हो जाता है, तो इसके बाद इन पौधों को लगाने का सबसे अच्छा समय अगस्त से अक्टूबर माना जाता है. इस दौरान यह संयंत्र बहुत अच्छी तरह से बढ़ रहा है.

सेज का पौधा लगाने का तरीका –

सेज का पौधा लगाने के लिए खेत में लगभग पांच से आठ इंच गहरा गड्डा बनाना चाहिए. इसके बाद सुत को गड्डे में देना चाहिए और जड़ में मिट्टी डाल दें. इसी तरह से प्रत्येक संयंत्र के बीच में आधा मीटर की दूरी रेस्टोरेशन कर सकते हैं.

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सिंचाई करने का तरीका –

सेज की खेती को हल्का-हल्का पानी देते रहना अच्छा माना जाता है. पौधे लगाने के बाद पूरे खेत में पानी भर देना चाहिए और फिर इसके बाद जब भी खेत की मिट्टी सूखने लगे, तो इसे पानी से भर देना चाहिए. खेत में हल्की नमी हमेशा बनाये रखनी चाहिए। इसे पौधों की बढ़वार अच्छी होती है. जिससे खेती में फायदा होता है और अच्छा मुनाफा मिलता है.

English Summary: This plant is used to make spices and medicines, farmers are making money by cultivating it. Published on: 17 December 2022, 04:27 PM IST

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