महिंद्रा ग्रुप के हिस्से स्वराज ट्रैक्टर्स ने गुरुवार को देश में हॉर्टिकल्चर सेगमेंट को बढ़ाने के लिए देश में डिजाइन किया गया मल्टी-पर्पस फार्म मकैनिज्म सॉल्यूशन पेश किया है. जिसका नाम CODE रखा गया है.
सोल्यूशन को होर्टिकल्चर फार्मिंग में शामिल लोगों के काम को आसान करना है. यह सबसे छोटी और हल्की राइड ऑन मशीन है. इसका लक्ष्य होर्टिकल्चर फार्मिंग में क्रांति लाना है, जिससे किसान अलग-अलग सब्जियों और फलों की फसलों के लिए छोटी पंक्तियों में काम कर सकें.
इसके अलावा मशीन का छोटा टर्निंग रेडियस है, जिसकी मदद से छोटे खेतों में होर्टिकल्चर कॉर्प्स की खेती में आसानी होगी. स्वराज ट्रैक्टर्स के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हरीश चवान ने बताया कि कंपनी होर्टिकल्चर के क्षेत्र में नए सोल्यूशन्स को लाने की कोशिश कर रही है, जहां वर्तमान में ज्यादा तकनीक और मशीनें मौजूद नहीं हैं.
क्या है हॉटीकल्चर
हॉर्टिकल्चर विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें अनाज, फूलों और पौधों को उगाने से लेकर उनकी मार्केटिंग तक का अध्ययन किया जाता है. हॉर्टिकल्चर, मानव उपयोग के लिए इस्तेमाल होने वाले पौधों के विज्ञान, तकनीक और विपणन से जुड़ा क्षेत्र है. इसके अंतर्गत खाद्य और अखाद्य, दोनों तरह की फसलें आती हैं. खाद्य फसलों में फल, सब्जी और अनाज आदि आते हैं, जबकि अखाद्य फसलों के अंतर्गत फूल और पौधे आदि आते हैं. हॉर्टिकल्चर विशेषज्ञ अपने ज्ञान, कौशल और तकनीक का उपयोग कर बड़े स्तर पर मनुष्य की निजी और सामाजिक जरूरतों के लिए पौधों का उत्पादन करते हैं. हॉर्टिकल्चर के अंतर्गत विज्ञान की कई शाखाओं, मसलन फिजिक्स, कैमिस्ट्री, जियोलॉजी और बायोलॉजी का अध्ययन किया जाता है.
इसकी मदद से बढ़ेगी किसानों की आय
उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी दिलचस्पी दिखते हुए कहा कि वे इस क्षेत्र में निपुणता हासिल करना चाहते हैं. कोड जैसी मशीनों की मदद से, ज्यादा जमीन पर खेती की जा सकेगी, जिससे किसानों की आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी साथ ही समय भी बचेगा जिससे किसान अन्य और अपना ध्यान ले जा सकेंगे. उन्होंने आगे कहा कि देश में होर्टिकल्चर सेगमेंट में मशीनीकरण का बड़ा क्षेत्र है और स्वराज की कोड एक खास तौर पर बनाई गई मशीन है, जो होर्टिकल्चर सेगमेंट में किसानों की जरूरतों के मुताबिक तैयार की गई है.
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चवान ने कहा कि वर्तमान में इस क्षेत्र में मैनुअल और एनिमल लेबर बड़े स्तर पर शामिल है, और कंपनी का प्रोडक्ट इस सेगमेंट में मशीन को लाने की ओर अहम कदम है. उन्होंने कहा कि कंपनी इस महीने के आखिर तक प्रोडक्ट की कीमत का ऐलान करेगी. अवसर पर बात करते हुए, उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में होर्टिकल्चर सेगमेंट देश की एग्री जीडीपी का करीब 31 फीसदी है. उनके मुताबिक, क्षेत्र का कवरेज केवल 17 फीसदी है. लोग इस सेगमेंट में पीछे हट रहे हैं, क्योंकि उन्हें यह काम मुश्किल लगता है. उन्होंने कहा कि अगर ज्यादा जमीन पर खेती होती है, तो किसानों को इससे फायदा मिलेगा.महिंद्रा एंड महिंद्रा प्रेजिडेंट (फार्म इक्विपमेंट सेक्टर) हेमंत सिक्का ने जिक्र किया कि भारत की एग्री जीडीपी में होर्टिकल्चर की हिस्सेदारी पिछले कुछ सालों से बढ़ रही है.
इसकी वजह से उत्पादन को बढ़ाने के लिए इस सेगमेंट पर ध्यान देने की तुरंत जरूरत है. उन्होंने कहा कि CODE के लॉन्च के साथ, उनका लक्ष्य किसान समाज को किफायती और इनोवेटिव टेक्नोलॉजी की आसान पहुंच देना है.
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