1. Home
  2. खेती-बाड़ी

ककड़ी पर लगने वाले कीटों का इस तरह करें खात्मा, जानिए आसान तरीकें

फरवरी मार्च में होने वाली कद्दूवर्गीय सब्जियों में खीरे के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक खेती ककड़ी की होती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि इसमें कम लागत में अच्छा मुनाफा है. लेकिन इन फसलों पर कीटों का प्रकोप सबसे अधिक होता है, जिसके कारण किसानों की अच्छी मेहनत भी खराब हो जाती है. चलिए आपको आज कुछ ऐसे तरीको के बारे में बताते है, जिसके सहारे आप इन कीटों को आराम से नष्ट कर सकते हैं. ककड़ी पर कई तरह के कीटों का आक्रमण होता है.

सिप्पू कुमार

फरवरी मार्च में होने वाली कद्दूवर्गीय सब्जियों में खीरे के बाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक खेती ककड़ी की होती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि इसमें कम लागत में अच्छा मुनाफा है. लेकिन इन फसलों पर कीटों का प्रकोप सबसे अधिक होता है, जिसके कारण किसानों की अच्छी मेहनत भी खराब हो जाती है.

चलिए आपको आज कुछ ऐसे तरीको के बारे में बताते है, जिसके सहारे आप इन कीटों को आराम से नष्ट कर सकते हैं. ककड़ी पर कई तरह के कीटों का आक्रमण होता है.

चेपा थ्रिप्सः

इन कीटों को आक्रमण सीधे पत्तो पर होता है, ये पत्तों को चूसकर उसे सूखा देते हैं, जिससे पत्ते पीले पड़ने लग जाते हैं और फसल खराब हो जाती है. देखते ही देखते ये पूरी फसल को अपनी चपेट में ले लेते हैं, इन्हें रोकने के लिए थायामैथोकस्म (5 ग्राम) को 15 लीटर पानी में मिलाकर फसलों पर स्प्रे करें.

फल मक्खी:

इस मक्खी का आक्रमण सीधा ककड़ी के फलों पर होता है, यह फलों की बाहरी परत के नीचे अंडे देकर वहां अपना घर बना लेती है और फल के गुद्दों को अपना भोजन बनाना शुरू कर देती है. धीरे-धीरे ये पूरे फल को गलाकर खत्म कर देती है. इस मक्खी को नष्ट करने के लिए नीम वाला फोलियर स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं.

लाल कीटः

इस कीट को रेड पम्पकिन बिटिल के नाम से भी जाना जाता है. इसे पकड़ना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि इसकी सूण्ड़ी जमीन के बाहर नहीं बल्कि जमीन के अंदर पाई जाती है. ये ककड़ी और खीरा दोनो पर आक्रमण करते हैं. पौधों की छोटी पत्तियों पर हमला करते हुए ये उन्हें भारी क्षति पहुंचाते हैं. जनवरी से मार्च के महीनों में इनकी तादाद सबसे अधिक बढ़ जाती है. इन्हें रोकने के लिए सुबह ओस पड़ने के समय राख का बिखराव फसलों पर कर सकते हैं. जैविक विधि से इनको रोकने के लिए अजादीरैक्टिन 300 पीपीएम का छिड़काव पौधों पर कर सकते हैं.

फतंगाः

इस कीड़े को अंग्रेजी में डाइफेनीया इंडिका के नाम से भी जाना जाता है, मध्य आकार के ये कीड़े सफेद पंखों वाले होते हैं, जिनकी सुंडी लंबी होती है. इनका आहार ककड़ी और खीरे का फल होता है. इनके रोकथाम के लिए बैसिलस थूजेंसिस वाले कुर्सटाकी का छिड़काव फसलों पर करना चाहिए.

( ककड़ी की खेती की जानकारी के लिए आप कृषि जागरण की इस लिंक पर जा सकते हैं.)

English Summary: this is how you can protect utilissimus kakdi from insects and worms know more about kakdi cultivation Published on: 25 January 2021, 03:31 PM IST

Like this article?

Hey! I am सिप्पू कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News