भारत एक कृषि प्रधान देश है. जहां पानी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा खेतीबाड़ी में खर्च होता है. खेती में पानी की बहुत ज्यादा बर्बाद हो जाता है, जिससे कई राज्यों में भू-जल पर खतरा भी मंडराने लगा है. इसी के मद्देनजर भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ट्रिपल आईटी प्रयागराज के सहायक प्रोफेसर डॉ आशुतोष कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद लखनऊ ने किसानों के लिए ऑटोमेटिक एवं बिना खर्च के चलने वाले सिंचाई के साधन विकसित करने का एक प्रोजेक्ट दिया है . यह प्रोजेक्ट ड्रिप इरिगेशन पर आधारित है, जिसके तहत खेत में पौधों को उतना ही पानी दिया जाएगा, जितने की आवश्यकता होगी. बता दें कि इस परियोजना में एक ऐसा सिंचाई साधन विकसित किया गया है, जो कि बिना बिजली से चलाया जाएगा. इस सिंचाई साधन का सोलर ट्री (Solar tree) है, जिसकी मदद से डीसी मोटर को चलाया जाएगा. गौरतलब है कि ट्रिपल आईटी प्रयागराज के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ आशुतोष कुमार सिंह को इस प्रोजेक्ट का मुख्य समन्वयक बनाया गया है तथा इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चरल रिसर्च वाराणसी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉक्टर सुधाकर पांडे को इस प्रोजेक्ट का उप समन्वयक बनाया गया है.
ये खबर भी पढ़ें: Career in Agriculture: एग्रीकल्चर क्षेत्र में करियर बनाना है, तो यहां पढ़िए कोर्स, डिप्लोमा, इंस्टीट्यूट संबंधी पूरी जानकारी
कई साल से सोलर ट्री पर हो रहा काम
आपको बता दें कि अभी तक सोलर पैनल पर आधारित पंप चलाए जा रहे थे, लेकिन यह बहुत अधिक जगह घेरते हैं. इस कारण लघु और सीमांत किसानों के बीच यह ज्यादा सफल नहीं हो पाए. इस समस्या के समाधान के लिए संस्थान पिछले कई सालों से सोलर ट्री पर काम कर रहा है. इस परियोजना की अवधि 3 साल की रखी गई है. इसके तहत जब फसल में नमी की आवश्कयता होगी, तब सोलर ट्री का उपयोग किया जाएगा. इसके बाद सिंचाई के पंप अपने आप बंद हो जाएंगे.
ऐसे काम करेंगे सोलर ट्री
यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें पानी का दुरुपयोग नहीं हो पाएगा. इसके तहत खेत के चारों कोनों पर मॉइश्चर और टेंपरेचर सेंसर लगाए जाएंगे, जो कि खेत में नमी और तापमान की मात्रा बताएंगे. जब फसल को सिंचाई की आवश्कयता होगी, तब सिंचाई पंप अपने आप ही ऑन हो जाएगा. इस तरह किसान को कड़ी धूप में परेशान नहीं होना पड़ेगा. खास बात है कि सोलर ट्री में भूमि की आवश्यकता नहीं होगी.
ये खबर भी पढ़ें: सिंचाई की लागत को कम करेगा LPG से चलने वाला पंपिंग सेट, जानिए इसकी खासियत
आसानी से होगी सिंचाई
सोलर ट्री को मात्र 24 वोल्ट के डीसी मोटर से संचालित किया जाएगा. इसके जरिए 15 से 20 एकड़ खेत की सिंचाई आसानी से हो सकती है. इस तहर किसान को बार-बार खेत में जाने की जरूरत नहीं होगी.
अन्य जानकारी
इस परियोजना की मुख्य बात है कि इससे बहुत ही सस्ते और हल्के भार के सिंचाई साधन विकसित किए जाएंगे. इसका लाभ तटीय इलाके के किसानों को भी मिल पाएगा. बता दें कि सोलर ट्री से संचालित इरिगेशन सिस्टम ट्रिपल आईटी प्रयागराज में तैयार होगा. इस यंत्र का परीक्षण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान आईआईवीआर में किया जाएगा.
Share your comments