सरसों की बुवाई का समय चल रहा है. अगर किसान भाई सरसों की अधिक पैदावार लेना चाहते हैं, तो उन्हें उन्नत किस्मों का चुनाव करना होगा. तो आइए आज हम अपने इस लेख में सरसों की उन्नत किस्मों (Improved Varieties Of Mustard) के बारे में बताते हैं, ताकि आपको सरसों की खेती कर अधिक पैदावार मिले. इसके साथ ही अच्छा मुनाफा हो.
दरअसल, कृषि वैज्ञानिकों (Agricultural Scientists) द्वारा सरसों की कुछ उन्नत किस्मों (Improved Varieties) को विकसित किया गया है. इन किस्मों की बुवाई किसानों के लिए काफी लाभदायी साबित होगी. बता दें इन किस्मों की खासियत है कि इससे फसल पर कीटों का प्रभाव नहीं होता है.
पूसा अग्रणी किस्म (Pusa Agrani Variety)
सरसों के यह किस्म 100 दिन में पककर तैयार हो जाती है. सरसों की इस किस्म की खासियत यह है कि इससे प्रति हेक्टेयर औसतन 13. 5 क्विंटल पैदावार प्राप्त होती है. इस किस्म की खेती कर किसान भाई अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
पूसा तारक किस्म (Pusa Tarak variety)
सरसों के यह किस्म 110 – 115 दिन में पककर तैयार होती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर औसतन 15-20 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
पूसा महक किस्म (Pusa Mehak Variety)
सरसों के इस किस्म से फसल 110 – 115 दिन में पककर तैयार होती है. किसान भाई इस किस्म की बुवाई से अधिक और अच्छी फसल प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म प्रति हेक्टेयर करीब 15-20 क्विंटल पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
पूसा सरसों- 25 किस्म (Pusa Mustard - 25 Varieties)
यह किस्म 100 दिन में पककर तैयार होती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर औसतन 14.5 क्विंटल पैदावार मिल जाती है.
पूसा सरसों- 27 किस्म (Pusa Mustard - 27 Varieties)
सरसों के यह किस्म 110-115 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म से प्रति हेक्टेयर औसतन 15.5 क्विंटल पैदावार मिल सकती है.
पूसा सरसों- 28 किस्म (Pusa Mustard - 28 Varieties)
सरसों के यह किस्म 105-110 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे प्रति हेक्टेयर औसतन 18 से 20 क्विंटल तक पैदावार मिल जाती है.
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