1. Home
  2. खेती-बाड़ी

जायद सीजन में मूंगफली की खेती करने की उन्नत तकनीक

मूंगफली की खेती (Peanut Cultivation) खरीफ और जायद, दोनों मौसम में होती है. इसकी फसल हवा और बारिश से मिट्टी कटने से बचाती है. जायद की मूंगफली में कीट और बीमारियों का प्रकोप कम होता है. मूंगफली एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती भारत के 40 प्रतिशत क्षेत्रों में आसानी से की जा सकती है.

कंचन मौर्य
Peanut Cultivation Techniques
Peanut Cultivation Techniques

मूंगफली की खेती (Peanut  Cultivation) खरीफ और जायद, दोनों मौसम में होती है. इसकी फसल हवा और बारिश से मिट्टी कटने से बचाती है. जायद की मूंगफली में कीट और बीमारियों का प्रकोप कम होता है.

मूंगफली एक ऐसी फसल है, जिसकी खेती भारत के 40 प्रतिशत क्षेत्रों में आसानी से की जा सकती है. मूंगफली के बीज में 45 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है, तो वहीं 26 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है. यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. ऐसे में आइए आपको आपको इसकी उन्नत खेती (Peanut  Cultivation) की तकनीक बताते हैं.

उपयुक्त भूमि का चयन एवं तैयारी

इसकी खेती दोमट, बलुआर दोमट या हल्की दोमट मिट्टी की आसानी से कर सकते हैं. गर्मियों में आलू, मटर, सब्जी मटर और राई की कटाई के बाद खाली खेतों में मूंगफली की खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है.

खेत की तैयारी

  • सबसे पहले खेत में 2 से 3 जुताई कल्टीवेटर से करें.

  • मिट्टी को भुरभुरा बना लें.

  • जुताई के बाद पाटा लगाकर खेत समतल कर लें.

  • इसके बाद कम अवधि में पकने वाली गुच्छेदार किस्मों का चयन करें. किसान डीएच 86, आर-9251, आर 8808 आदि किस्मों का चयन कर सकते हैं.

बीज मात्रा

बीज का चयन रोग रहित उगाई गई फसल से करें. ग्रीष्मकालीन मूंगफली के लिए 95 से 100 किग्रा की दर से बीज दर प्रति हेक्टेयर उपयोग करें.

बीजोपचार

  • बुवाई से पहले थायरम 2 ग्राम+ कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम प्रति किलो बीजदर से उपचारित कर लें.

  • फफूंदनाशक दवा से उपचार के बाद 1 पैकेट राइजोबियम कल्चर को 10 किग्रा बीज में मिलाकर उपचार कर लें.

बुवाई का तरीका

  • पलेवा देकर जायद मूंगफली की बुवाई करें, ताकि खेत में पर्याप्त नमी बनी रहे.

  • अगर खेत में नमी उचित नहीं है, तो मूंगफली का जमाव अच्छी तरह नहीं हो पाएगा.

  • गुच्छेदार किस्मों की बुवाई उपयुक्त रहती हैं, इसलिए बुवाई 25 से 30 सेमी की दूरी पर देशी हल से खोले गए कूंडों में 8 से 10 सेमी की दूरी पर करें.

  • बुवाई के बाद खेत में क्रास लगाकर पाटा लगाएं.

बुवाई का समय

मूंगफली की बुवाई 5 मार्च से 15 मार्च तक कर सकते हैं. अगर बुवाई में देरी होगी, तो बारिश शुरू होने की दशा में खुदाई के बाद फल्लियों की सुखाई में कठिनाई होती है.

खाद

किसान यूरिया, सिंगल सुपर फास्फेट और म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग कर सकते हैं.

सिंचाई

  • इसकी खेती में पलेवा देकर बुवाई के बाद पहली सिंचाई 20 दिन बाद करें.

  • इसके साथ ही दूसरी सिंचाई 30 से 35 दिन पर करें.

  • तीसरी सिंचाई 50 से 55 दिन पर करें.

खुदाई व भण्डारण

मूंगफली की खुदाई तब करना चाहिए, जब मूंगफली के छिलके के ऊपर न सें उभर आएं. इसके साथ ही भीतरी भाग कत्थई रंग का हो जाए और दाना गुलाबी रंग का दिखाई दें. ध्यान रहे कि खुदाई के बाद फलियों को छाया में सुखाकर ही रखना चाहिए.

English Summary: Read the advanced technique of peanut cultivation in Zaid Published on: 26 February 2021, 02:24 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News