चंदन की महत्वता तो हम सभी जानते हैं, लेकिन आज हम आपको कुछ खास तरह के चंदन के बारे में बताने जा रहे हैं. इस चंदन की न सिर्फ मांग सामान्य चंदन से अधिक है, बल्कि देखने में भी ये बहुत अलग है. दरअसल आज हम आपको रक्त चंदन के बारे में बताने जा रहे हैं. जी हां, सही सुना आपने रक्त चंदन.
चंदन की महत्वता तो हम सभी जानते हैं, लेकिन आज हम आपको कुछ खास तरह के चंदन के बारे में बताने जा रहे हैं. इस चंदन की न सिर्फ मांग सामान्य चंदन से अधिक है, बल्कि देखने में भी ये बहुत अलग है. दरअसल आज हम आपको रक्त चंदन के बारे में बताने जा रहे हैं. जी हां, सही सुना आपने रक्त चंदन.
आंध्र प्रदेश में मिलता रक्त चंदन
आंध्र प्रदेश में मिलने वाला ये रक्त चंदन बहुत ही खास है, जिसका वैज्ञानिक नाम पटेरोकार्पस सन्तालीनुस (Pterocarpus santalinus) है. आंध्र प्रदेश के घंने जंगलों में पाये जाने वाले चंदन के इन पेड़ों के लिए बहुत बार हिंसा हो चुकी है. इसकी तस्करी भी खूब होती है, क्योंकि व्यापारी इसके बदले आपकी ऊंची रक्म देने को हमेशा तैयार रहते हैं.
चीन में है सबसे अधिक मांग
वैसे तो लाल रक्त चंदन की मांग हर जगह ही है, लेकिन चीन में इसके प्रति लोगों की दिवानगी कुछ अलग ही है. इन पेड़ों की वहां कितनी मांग है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं, कि रक्त चंदन की सुरक्षा के लिए सरकार ने स्पेशल टास्क फोर्स की बाकायदा तैनाती की है.
शैव संप्रदाय में लोकप्रिय
आंध्र की शेषाचलम पहाड़ियों में पाया जाने वाले रक्त चंदन हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है. इसकी लोकप्रियता सबसे अधिक शैव और शाक्त मत को मानने वाले में है. इन संप्रदाय के लोग इस इस चंदन को कई तरह से धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग करते हैं.
सुगंध रहित है रक्त चंदन
आम तौर पर चंदन की मांग परफ्यूम, सौन्दर्य सामग्री एवं पदार्थों में सुगंध डालने के लिए किया जाता है. बहुत से लोग सुगंध को ही चंदन का गुण समझते हैं, लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि रक्त चंदन में किसी तरह का सुगंध नहीं होता. जी हां, सफेद चंदन की तरह रक्त चंदन भी सुगंध रहित होता है.
इन कामों में होता है सबसे अधिक उपयोग
रक्त चंदन की लकड़ियां बहुत अधिक मजबूत एवं टिकाऊ होती है, इसलिए महंगे फर्नीचर्स, सजावट के सामान, एवं मशीनों में इनका उपयोग होता है. आपको जानकार हैरानी होगी कि आज के समय में इससे बनने वाला शराब भी चीन में खूब लोकप्रिय हो रहा है.
लाल चंदन की पहचान
इस चंदन को पहचाने का सबसे आसान तरीका तो यही है कि इस सिर्फ चार जिलों- नेल्लोर, कुरनूल, चित्तूर, कडप्पा में ही पाया जाता है. कहने का तात्पर्य ये है कि इन चार जगहों के अलावा कहीं और से लाल चंदन मार्केट में आ रहा है, तो उसके नकली होने की पूरी संभावना है. इसके अलावा इसके पेड़ों की ऊंचाई देखकर भी आम चंदन और रक्त चंदन में भेद किया जा सकता है.
रक्त चंदन की औसत ऊंचाई 8 से लेकर 11 मीटर तक की हो सकती है एवं इसका घनत्व अधिक होने के कारण ये पानी में डूबता है.
तेजी से घट रहा है रक्त चंदन
आज सरकार की उपेक्षाओं और लोगों की लालच की वजह से रक्त चंदन विलुप्ति की कगार पर आ गया है. इसकी तस्करी भी एक खास वजह है कि दो लाख हेक्टेयर में फैला इसका जंगह अब एक लाख हेक्टयर से भी कम रह गया है. 50 प्रतिशत तक कम हो चुके इन पेड़ों पर लेकिन अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है.
इन देशों में होती है सबसे अधिक तस्करी
रक्त चंदन की तस्करी हर तरह से होती है. इसमें कई लोगों के हाथ रंगे हुए हैं. चीन के बाद सबसे अधिक इसकी मांग जापान, सिंगापुर, यूएई और आस्ट्रेलिया में है.
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