1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Bamboo Farming Subsidy: एक बार की खेती में कमाएं लाखों का मुनाफा, सरकार देगी 50% सब्सिडी

देश में कई ऐसे लोग है, जिन्हें खेती में दिलचस्पी है, लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आता है कि ऐसी कौन-सी खेती की जाए, जिससे उन्हें कम लागत में लाखों का मुनाफा मिल सके. तो ऐसे में वो बांस की खेती कर सकते है, क्योंकि इसकी डिमांड मार्किट में हमेशा बनी रहती है. अगर किसान इसको उगाते हैं, तो यह उनके लिए किसी सोने की मुर्गी से कम नहीं है. खास बात यह है कि बांस की खेती पर सरकार 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी देती है.

रुक्मणी चौरसिया
Bamboo Cultivation Profitable Business
Bamboo Cultivation Profitable Business

देश में कई ऐसे लोग है, जिन्हें खेती में दिलचस्पी है, लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आता है कि ऐसी कौन-सी खेती की जाए, जिससे उन्हें कम लागत में लाखों का मुनाफा मिल सके. तो ऐसे में वो बांस की खेती (Bamboo Farming) कर सकते है, क्योंकि इसकी डिमांड मार्किट में हमेशा बनी रहती है. अगर किसान इसको उगाते हैं, तो यह उनके लिए किसी सोने की मुर्गी से कम नहीं है. खास बात यह है कि बांस की खेती पर सरकार 50 प्रतिशत की सब्सिडी (Bamboo Farming Subsidy) भी देती है.

बांस की खेती पर सब्सिडी (Subsidy on Bamboo Cultivation)

बांस की खेती में कम मेहनत और कमाई ज्यादा है (Bamboo Business Profit), क्योंकि इसे एक बार लगाओ और फर हमेशा के लिए फुर्सत हो जाओ. एक बार बांस लगाने पर इसकी फसल लगभग 40 साल तक बांस देती रहती है. सरकार भी ऐसी खेती में दिलचस्पी रखती है क्योंकि इसकी देश के अलावा अंतराष्ट्रीय डिमांड भी हमेशा तेज़ रहती है इसलिए बांस की खेती पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान मिलता है.

बांस उन कुछ उत्पादों में से एक है जिनकी निरंतर मांग बनी रहती है. कागज निर्माताओं के अलावा बांस का उपयोग कार्बनिक कपड़े बनाने के लिए करते हैं, जो कपास की तुलना में अधिक टिकाऊ होते हैं और फिर जैव ईंधन होता है, जिसे बांस से उत्पादित किया जा सकता है. यही नहीं बांस से मुनाफे की उम्मीद भी अच्छी की जा सकती है. तो आइये बांस की खेती (Bamboo Farming) के बारे में पूरी जानकारी जानते है.

बांस रोपण (How to plant Bamboo)

बांस को बीज, कटिंग या राइज़ोम से लगाया जा सकता है. इसके बीज अत्यंत दुर्लभ और महंगे होते हैं. पौधे की कीमत बांस के पौधे की किस्म और गुणवत्ता पर भी निर्भर करती है.

बांस के पौधे की दूरी और भूमि की तैयारी

जब भूमि की तैयारी की बात आती है, तो बांस की खेती (Bans Ki Kheti) को बहुत अधिक आवश्यकता नहीं होती है. मगर इसके लिए सही दूरी की आवश्यकता होती है. ध्यान देने वाली बात यह है कि बांस को पंक्तियों में 12 मीटर गुणा 4 मीटर की दूरी के साथ लगाने की जरुरत होती है. आप प्रति एकड़ लगभग 100 पौधों लगा सकते हैं. यदि आप 5 गुणा 4 मीटर की दूरी पर पौधे लगाते हैं जो अनुशंसित दूरी है, तो यह लगभग 250 पौधों के घने रोपण की अनुमति देता है और यह भी बांस की खेती के लिए पूरी तरह से संभव है.

बांस की रोपाई (Bamboo plant spacing and land preparation)

अब आप सभी खरपतवार हटा दें और यदि आवश्यक हो, तो खरपतवार से छुटकारा पाने के लिए जमीन की जुताई करें. आवश्यक दूरी पर 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा गड्ढा खोदा जाना चाहिए. रोपाई के तुरंत बाद पौधे को पानी दें और एक महीने तक रोजाना वहीं पर पानी देते रहें. एक महीने के बाद, वैकल्पिक दिनों में पानी देना कम करें और 6 महीने के बाद इसे सप्ताह में एक बार कम करें. 

आमतौर पर बांस 24 घंटों में 6 फीट तक बढ़ने वाली कुछ किस्मों के साथ बहुत तेजी से बढ़ता है. रोजाना पानी देने से, आप इस वृद्धि को देखेंगे लेकिन यह अनावश्यक है, क्योंकि आपके अतिरिक्त प्रयास के बिना भी बांस अपने अधिकतम आकार तक बढ़ जाएगा. यह उन कुछ कारणों में से एक है, जिन्हें बांस को कुछ सबसे अच्छी फसलों में से एक माना जाता है. जिसे बनाए रखना आसान है और इसकी उपज बहुत अधिक है. हालांकि कुछ किस्मों के तहत इसकी कटाई तीसरे या चौथे वर्ष से शुरू की जा सकती है. यह अनुशंसा की जाती है कि आप 7 साल तक कटाई न करें.

बांस की मिट्टी, जलवायु, उर्वरक, सिंचाई और कीटनाशक (Bamboo soil, climate, fertilizers, irrigation and pesticides)

  • जहां तक भारत का सवाल है, कश्मीर की घाटियों के अलावा कहीं भी बांस की खेती (Bans Ki Kheti) की जा सकती है. भारत का पूर्वी भाग आज बांस का सबसे अधिक उत्पादक है. बांस ज्यादातर वन क्षेत्रों में उगाया जाता है और वन क्षेत्र का 12% से अधिक भाग बम्बू है. निजी मालिकों द्वारा बांस की खेती (Bans Ki Kheti) सीमित है और बांस की भारी मांग इसे खेती के लिए एक आकर्षक फसल बनाती है.

  • जहां तक मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों का सवाल है. वहां बांस को कहीं भी उगाया जा सकता है, जब तक कि यह अत्यधिक ठंडा ना हो. इसके लिए गर्म जलवायु परिस्थितियों की जरुरत होती है, लेकिन 15 डिग्री से नीचे का मौसम बांस के लिए उपयुक्त नहीं होता है. मिट्टी का पीएच 5 से 6 के बीच होना चाहिए, जो भारत में ज्यादातर होता है. मिट्टी बहुत अधिक रेतीली नहीं होनी चाहिए. चट्टानी मिट्टी बांस की खेती के लिए संभव नहीं है.

  • जहां तक उर्वरकों की बात करें, तो बांस को बहुत कम उर्वरकों की आवश्यकता होती है. 10 KG FYM प्रति वर्ष पर्याप्त से अधिक होना चाहिए. साथ ही बांस की रोपाई के समय खाद या गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए.

  • जब बांस की बात आती है तो कीटनाशक का प्रयोग दुर्लभ होता है लेकिन यदि आवश्यकता होती है तो प्रति एकड़ 2000 रुपये की अतिरिक्त लागत लग सकती है.

  • इसके अलावा पहले 3-4 वर्षों के दौरान सिंचाई की आवश्यकता होती है और एक ड्रिप पाइप की लागत उपयोगी होती है.

English Summary: Put money once in Bamboo cultivation and you will get profit of lakhs throughout life, government gives 50% subsidy Published on: 14 January 2022, 04:58 PM IST

Like this article?

Hey! I am रुक्मणी चौरसिया. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News