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Paddy Cultivation: धान की ये 10 रोग प्रतिरोधी किस्में देंगी उच्च गुणवत्ता के साथ बम्पर पैदावार, पानी और खाद दोनों की कम होगी खपत

धान हमारे देश की एक महत्वपूर्ण फसल है. धान उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है. हमारे देश में 4000 हजार से भी अधिक धान की किस्में उगाई जाती है.

डॉ. अलका जैन
Paddy Cultivation
Paddy Cultivation

धान हमारे देश की एक महत्वपूर्ण फसल है. धान उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है. हमारे देश में 4000 हजार से भी अधिक धान की किस्में उगाई जाती है. इनमें धान की 10 किस्मों की जानकारी हम इस लेख में दे रहे हैं जो किसान भाइयों को अधिक उपज और अधिक मुनाफा देंगी.

  1. जया धान

धान की यह किस्म कम ऊंचाई वाली उन्नत किस्म है. इसके दाने लंबे तथा सफेद होते हैं. यह धान 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है. पौधे की ऊंचाई 82 सेंटीमीटर तक हो जाती है. BLB, SB तथा RTB रोग प्रतिरोधी किस्म है. इसकी औसतन पैदावार 50 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. इसकी खेती भारत के सभी राज्यों में की जा सकती है. 

  1. बासमती-370 

इसकी खेती मुख्य रूप से हरियाणा में की जाती है. धान की इस किस्म के पौधे लंबे तथा दाने सफेद होते हैं. यह 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 140 से 150 सेंटीमीटर तक हो जाती है. औसतन पैदावार 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है. 

  1. पूसा सुगंध

इस किस्म के धान के दाने पतले और सुंगधित होता है. यह किस्म 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 से 45 क्विंटल होता है. इसकी खेती प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीगगढ़ में होती है. 

  1. डीआरआर

इसकी खेती मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल तथा पश्चिम बंगाल में मुख्य तौर पर की जाती है. धान की यह किस्म अच्छी पैदावार वाली है. दाने सफेद तथा मध्यम लंबे होते हैं. 125 से 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक होती है. यह BLB तथा ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्म है. SB, GLH तथा BPH रोग के प्रति सहनशील किस्म है. 

  1. मकराम

धान की यह किस्म अच्छी पैदावार वाली अर्ध बौनी किस्म है. इसके दाने मध्यम लंबे होते हैं. यह 160 से 175 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. पौधे की ऊंचाई 111 सेंटीमीटर तक हो जाती है. पौधे में रोग तथा रस चूसने वाले कीटों का प्रकोप नहीं होता है. औसतन पैदावार 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. 

  1. हाइब्रिड -620 

यह अच्छी पैदावार वाली उन्नत किस्म है. इसके दाने चमकदार तथा लंबे होते हैं. 125 से 130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. यह ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्म है. B.P.H तथा L.F रोग के प्रति सहिष्णु किस्म है. इसकी औसतन पैदावार 62 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. 

  1. पीएचबी -71 

इसकी खेती हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में मुख्य तौर पर की जाती है. 

इसके दाने लंबे, चमकदार तथा सफेद होते हैं. यह 130 से 135 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 115 से 120 सेंटीमीटर तक होती है. BPH, GM तथा ब्लास्ट रोग के प्रति संवेदनशील किस्म है. औसतन पैदावार 87 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. 

  1. एनडीआर- 359

इसकी खेती उत्तर प्रदेश, बिहार तथा ओडिशा में की जाती है. 

धान की इस किस्म के दाने छोटे तथा पौधे अर्ध बोने होते हैं. 115 से 225 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. पौधे की ऊंचाई 90 से 95 सेंटीमीटर तक हो जाती है. यह LB , BS तथा BLB रोग प्रतिरोधी किस्म है. औसतन पैदावार 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. 

  1. सीएसआर-10

इसकी खेती पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गोवा, ओडिसा, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में मुख्य तौर पर की जाती है.

इस किस्म के पौधे बोने तथा दाने छोटे सफेद रंग के होते हैं. यह 115 से 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. इसके पौधे की ऊंचाई 80 से 85 सेंटीमीटर तक हो जाती है. औसतन पैदावार 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त हो जाती है. 

  1. आईआर

इसकी खेती उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गोवा, ओडिसा, गुजरात, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक में मुख्य तौर पर की जाती है.इस किस्म के दाने लंबे लेकिन पौधा छोटा होता है. यह 120 से 125 दिनों में यह पककर तैयार हो जाती है. इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 50 से 55 क्विंटल होता है. 

English Summary: Paddy Cultivation:These 10 disease resistant varieties of paddy will give bumper yield with high quality Published on: 13 May 2022, 02:42 PM IST

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