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गेहूं की फसल से कोसों दूर रहेंगे चूहे, बस अपनाएं ये देसी नुस्खे!

Wheat Cultivation: गेहूं की खड़ी फसल में चूहों के जैविक नियंत्रण के लिए विभिन्न विधियों का समन्वित उपयोग आवश्यक है. ये विधियां न केवल पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं, बल्कि फसल उत्पादन में भी सुधार करती हैं. यदि इन उपायों को समय पर अपनाया जाए, तो चूहों के कारण होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है.

डॉ एस के सिंह
control rats in wheat crops
गेहूं की फसल से कोसों दूर रहेंगे चूहे (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Rats In Wheat Crops: गेहूं की खड़ी फसल में चूहों का प्रभावी नियंत्रण आवश्यक है क्योंकि वे फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा सकते हैं. चूहों द्वारा किए गए नुकसान से न केवल उत्पादन घटता है, बल्कि अनाज की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है. चूहों के नियंत्रण के लिए जैविक विधियां पर्यावरण अनुकूल और दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती हैं. यहां गेहूं की खड़ी फसल में चूहों को नियंत्रित करने के लिए जैविक उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई है.

चूहों के नुकसान का आकलन

चूहे अनाज को सीधे खाकर, पौधों की जड़ों को काटकर और मिट्टी के नीचे सुरंग बनाकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. उनकी गतिविधियों के कारण मिट्टी की संरचना प्रभावित होती है, जिससे फसल की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. चूहे रात के समय अधिक सक्रिय होते हैं और तेजी से प्रजनन करते हैं, जिससे उनकी संख्या बढ़ने पर नियंत्रण करना मुश्किल हो सकता है.

जैविक नियंत्रण के लाभ

  • पर्यावरण अनुकूलता: जैविक विधियां पर्यावरण को हानि पहुंचाए बिना प्रभावी नियंत्रण प्रदान करती हैं.
  • लागत प्रभावी: जैविक तरीकों में लागत कम होती है और ये लंबे समय तक प्रभावी रहते हैं.
  • मानव और पशुओं के लिए सुरक्षित: इनका उपयोग करते समय किसी हानिकारक रसायन के संपर्क में आने का खतरा नहीं होता.

चूहों के जैविक नियंत्रण की विधियां

1. प्राकृतिक शिकारी का उपयोग

  • उल्लू और सांप: उल्लू और सांप चूहों के प्राकृतिक शिकारी हैं. किसानों को खेतों के पास उल्लू के घोंसले या सांपों के रहने के लिए अनुकूल स्थान तैयार करने चाहिए.
  • बिल्ली: बिल्ली पालकर चूहों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है.

2. जैविक बैक्टीरिया और फफूंद का उपयोग

  • बैक्टीरिया आधारित नियंत्रण: Salmonella enteritidis जैसे जैविक एजेंट चूहों के लिए घातक होते हैं लेकिन इंसानों और अन्य जीवों के लिए सुरक्षित रहते हैं.
  • फफूंद आधारित नियंत्रण: Metarhizium anisopliae और Beauveria bassiana जैसे फफूंद चूहों को संक्रमित कर उनके प्रजनन और गतिविधि को सीमित करते हैं.

3. फसल प्रबंधन तकनीकें

  • साफ-सफाई: खेतों और उसके आसपास साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है. झाड़ियों और घास को हटाकर चूहों को छिपने के स्थान से वंचित किया जा सकता है.
  • फसल अवशेष प्रबंधन: फसल कटाई के बाद खेत में बचे अवशेषों को समय पर नष्ट कर दें ताकि चूहों को भोजन न मिले.
  • रोपण का समय: चूहों की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए फसल की बुवाई और कटाई का समय निर्धारित करें.

4. जैविक चारा

  • तुलसी और नीम: तुलसी और नीम के पत्तों का चूर्ण चूहों को भगाने में सहायक होता है.
  • पुदीना का उपयोग: पुदीना की गंध चूहों को अप्रिय लगती है. इसे चूहों के संभावित मार्गों पर रखकर उन्हें दूर रखा जा सकता है.

5. फेरोमोन ट्रैप्स और जैविक चिपचिपा जाल

फेरोमोन आधारित ट्रैप्स चूहों को आकर्षित करते हैं और जैविक चिपचिपे जाल में फंसाकर उनकी गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सकता है.

6. ध्वनि तरंग आधारित उपकरण

अल्ट्रासोनिक उपकरण चूहों को भगाने के लिए उपयोगी हैं. हालांकि, यह विधि पूरी तरह जैविक नहीं है, लेकिन इसमें किसी रसायन का उपयोग नहीं होता.

7. पारंपरिक जैविक विधियां

  • सूरजमुखी के बीज और लाल मिर्च: इनका मिश्रण चूहों को खाने से रोकता है.
  • गुड और चूना: गुड़ और चूने का मिश्रण चूहों के लिए विषाक्त होता है और उन्हें नियंत्रित करता है.

चूहों के नियंत्रण के लिए जागरूकता

किसानों को चूहों के नियंत्रण की जैविक विधियों के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है. उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए गांवों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जा सकते हैं.

English Summary: organic methods to control rats in wheat crops Published on: 20 January 2025, 11:02 AM IST

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