ये तो सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए यहां हर तरह की सब्जी और फल उगाये जाते हैं. जिसमें से सेब की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा देने वाली खेती मानी जाती है.
इसकी खेती कर किसान कम लागत में ही अधिक मुनाफा कमा लेता हैं. क्योंकि बाजार में सेब की कीमत अन्य फलों के मुकाबले लगभग ज्यादा ही रहती है.
मगर भारत में सेब की खेती ज्यादातर पहाड़ी राज्यों में ही की जाती है. जिससे देश के बाकी राज्यों के किसान इसकी खेती कर मुनाफा नहीं कमा पाते हैं और सेब के मंहगें दामों के पीछे भी ये एक बड़ी वजह है. हालांकि मैदानी इलाकों में रहने वाले किसानों के लिए जो सेब की खेती में रुचि रखते है उनके लिए मध्य प्रदेश से एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. अब मध्य प्रदेश में भी शिमला जैसे सेब की खेती संभव हो सकेगी.
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JNKVV ने की सेब उगाने की तैयारी (JNKVV prepares to grow apples)
दरअसल, मध्य प्रदेश के सबसे बड़े कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों नें एक ऐसी तरकीब निकाली है. जिससे मध्य प्रदेश की धरती पर भी सेब उगाया जा सकेगा.
राज्य के जबलपुर में स्थित जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय(JNKVV) के वैज्ञानिक लगातार खेती किसानी में नई संभावनाएं तलाशत रहते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने रिसर्च के तौर पर 14 महीने पहले JNKVV के परिसर में सेब के कई सारे पौधे रोपे थे, जिनमें से अब बड़ी संख्या में फूल आए हैं.
किसानों के लिए वरदान होगा सेब की खेती
वैज्ञानिक इसकी शुरुआती रिजल्ट से काफी उत्साहीत हैं. उनका अनुमान है कि फूल आने के बाद अब इससे फल बनने की प्रक्रिया की शुरुआत होगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना के समय में कृषि विवि में 14 महीने पहले सेब के 10 पौधे लगाये गए थे. जिनमें से तीन सूख गए बाकि बचे सातों पौधों में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल रही है.
आलम ये है कि इनमें से फूल भी खिल गए है. बता दें कि कृषि विवि ने जो सेब अपने परिसर में लगाए हैं वो सेब की हरिमन-99 किस्म है, जो कि हिमाचल प्रदेश के शिमला से लाया गया था. अब देखने वाली बात होगी की क्या वैज्ञानिकों की उम्मीद के मुताबिक इन फूलों में से फल निकलते हैं या नहीं. यदि फल भी उम्मीद के मुताबिक आते हैं तो ये किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा.
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