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धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए क्या उपाय करें?

किसान धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए कई अलग-अलग तरह के प्रयोग करते हैं. मगर फिर भी खरपतवार पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पाता है. सबसे पहले बता दें कि धान की फसल में अगर खरपतवार पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया जाए, तो फसल की ग्रोथ प्रभावित होती है. इसके साथ ही विभिन्न कीट भी आकर्षित होते हैं,

कंचन मौर्य
Paddy Farming
Paddy Farming

किसान धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए कई अलग-अलग तरह के प्रयोग करते हैं. मगर फिर भी खरपतवार पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पाता है. सबसे पहले बता दें कि धान की फसल में अगर खरपतवार पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया जाए, तो फसल की ग्रोथ प्रभावित होती है. 

इसके साथ ही विभिन्न कीट भी आकर्षित होते हैं, जो फसल के लिए काफी नुकसानदायक है. इसकी वजह से धान की पैदावार पर असर पड़ता है. ऐसे में आज हम अपने किसान भाईयों को धान की फसल में लगने वाले प्रमुख खरपतवार की जानकारी देने वाले हैं और उन्हें खरपतवार नाशक दवा से नियंत्रण कैसे करना है, इसके बारे में भी विस्तार से बताएंगे.

धान की फसल में लगने वाले प्रमुख खरपतवार (Major weeds in paddy crop)

1. बुलरस

2. छतरीदार मोथा

3. होरा घास

4. गंध वाला मोथा

5. पानी की बरसीम

6. सांवा

7. बूटी

8. सांवकी

9. मकरा

10. कांजी

11. मिर्च बूटी

12. बिलुआ कंजा

13. फूल बूटी

14. पान पत्ती

15. साथिया

16. कुसल

17. बमभोली

18. घारिला

19. बोन झलोकिया

20. दादमारी

धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?(How to control weeds in paddy crop?)

शस्य क्रिया- इस क्रिया द्वारा धान की फसल में लगने वाले खरपतवार पर नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके लए गर्मी में मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करनी होगी. इसके साथ ही फसल चक्र अपनाना होगा, तो वहीं हरी खाद का प्रयोग करना होगा और पडलिंग आदि करना होगा.

यांत्रिक विधि- इस विधि के तहत खुरपी आदि से निराई-गुडाई करना चाहिए. इससे खरपतवार नियंत्रित किया जा सकता है.

रासायनिक विधि (chemical method)

इस विधि के तहत विभिन्न खरपतवारनाशी रसायनों को फसल की बुवाई से पहले संस्तुत मात्रा में प्रयोग किया जाता है. इससे संबंधित जरूरी जानकारी नीचे दी गई है.

नर्सरी में खरपतवार नियंत्रण के लिए प्रेटिलाक्लोर 7 प्रतिशत ई०सी० 500 मिली० प्रति एकड़ की दर से 5-7 किग्रा० बालू में मिलाएं. इसके बाद पर्याप्त नमी में नर्सरी डालने के 2 से 3 दिन के अन्दर प्रयोग करें. इससे धान की फसल में खरपतवार नहीं लगते हैं.

अगर धान की सीधी बुवाई कर रहे हैं, तो इस स्थिति में प्रेटिलाक्लोर 7 प्रतिशत ई०सी० 1.25 लीटर बुवाई के 2 से 3 दिन के अन्दर प्रति हे० की दर से नमी की स्थिति में लगभग 500 लीटर पानी में घोलकर छिड़क दें. इसके लिए किसान फ्लैट फैन नॉजिल का प्रयोग कर सकते हैं.

अगर रोपाई के स्थिति में सकरी एवं चौड़ी पत्ती, दोनों प्रकार के खरपतवार लगे हैं, तो इसके नियंत्रण के लिए ब्यूटाक्लोर 50 प्रतिशत ई०सी० 3-4 लीटर, एनीलोफास 30 प्रतिशत ई०सी० 1.25-1.50 लीटर और प्रेटिलाक्लोर 50 प्रतिशत ई०सी० 1.60 लीटर में से किसी एक रसायन की संस्तुत मात्रा का चुनाव करें. इसके बाद प्रति हे० लगभग 500 लीटर पानी में घोल लें. फिर फ्लैट फैन नॉजिल से 2 इंच भरे पानी में रोपाई के 3 से 5 दिन के अन्दर छिड़क दें.

इसके अलावा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 20 प्रतिशत डब्लू०पी० 20 ग्राम और इथाक्सी सल्फ्यूरान 15 प्रतिशत डब्लू.डी.जी. 100 ग्राम रसायनों में से किसी एक रसायन की प्रयोग कर सकते हैं. इसकी संस्तुत मात्रा को लगभग 500 लीटर पानी में घोल लें. इसके बाद फ्लैट फैन नॉजिल से बुवाई के 25 से 30 दिन बाद छिड़क दें.

English Summary: measures for weed control in paddy crop Published on: 03 July 2021, 05:35 PM IST

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