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कलकत्तियां का ओरेंज गेंदा जल्द ही जम्मू की धरती पर अपनी महक को बिखेरेगा। दरअसल फ्लारिकल्चर विभाग द्वारा सफल ट्रायल के बाद इसके बीजों और कटिंग से तैयार हुए पौधों को किसानों के बीच उतारा जा रहा है। कलकत्तियां ओरंज के प्रति किसानों का रूझान भी तेजी से बढ़ा है और दर्जनभर किसानों ने इसकी खेती की शुरूआत भी कर दी है। इसका कारण यह है कि यह फूल उस समय पर खिलते हैं जब जम्मू में दूसरा गेंदा नहीं होता है या बहुत ही कम मात्रा में यह फूल उगता है। दरअसल अप्रैल से लेकर अगस्त तक यहां पर कलकत्तियां गेंदा मिलता है। इस किस्म के गेंदे के आने के बाद किसान साल में अधिकतम समय तक गेंदे की फूलों की खेती कर सकेंगे। एक कनाल से 5 से 8 कनाल की पैदावार प्राप्त हो सकती है और यह 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। इस वैरायटी को दो पौधों से तैयार किया गया है। यह फूल बाहरी राज्यों से यहां आते है और बाद में महंगे दामों में यहां पर बिकते है। किसानों ने कहा कि गेंदें की खेती किसानों को पहले ही अच्छी कमाई दे रही है मगर कलकत्तिया ओरेंज के आने के बाद किसानों को एक और फसल लेने का मौका मिल जाएगा।
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लड्डू गेंदा भी है एक नाम
कलकत्तियां ओरंज गेंदा को लड्डू गेंदा भी कहा जाता है। इसका कारण यह है कि यह लड्डू की तरह गोल होता है और इसकी फूल की मालाएं आसानी से बन जाती है। इसीलिए फूल मालाएं बनाने में यह काफी उपयोगी होती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके फूल कई दिनों तक चल सकते है। इसके फूल जल्दी नहीं मुरझाते है जिस कारण कलकत्तियां फूल की मांग भी काफी रहती है।
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कटिंग से तैयार होंगे पौधे
गेंदे के यह फूल कटिंग के सहारे भी आसानी से तैयार हो सकेंगे। एक बड़े पौधे से 30 से 40 कटिंग निकल पाती है। कुछ लोगों ने जम्मू में भी कटिंग से पौधे तैयार करने का क्रम आरंभ किया है। फ्लोरीकल्टर विभाग ने कटिंग से पौधे तैयार किए है जिसके काफी सफल परिणाम सामने आ गए है। इसका पौधा बाजार में एक डेढ़ रूपये में मिल जाता है।
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खेती पकड़ेगी ज़ोर
फ्लोरिकल्चर के ऑफिसर डॉ संजीव का कहना है कि कलकत्तिया ओरंज गेंदे की खेती जम्मू में जोर पकड़ेगी क्योंकि यह ऐसे समय में फूल देगा जब गेंदे के फूल खेत में नहीं होते है। इसीलिए किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है व खेती में आए और आमदनी को बढ़ाए। अब किसान इसके सहारे गेंदे की तीन फसले ले सकता है और आमदनी को आसानी से बढ़ा सकता है।
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