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Masoor Ki Fasal: मसूर की फसल से मिलेगा बंपर उत्पादन, बस इन बातों का रखें ध्यान

Lentil Crop: हरियाणा कृषि विभाग ने किसानों के लिए मसूर की फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए जनवरी महीने के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की है, जिसमें खरपतवार निकालने से लेकर सिंचाई विधियां आदि कार्यों के बारे में बताया गया है.

लोकेश निरवाल
मसूर की फसल (Image Source: Pinterest)
मसूर की फसल (Image Source: Pinterest)

Rabi Season: रबी सीजन की प्रमुख दलहनी फसलों में मसूर की फसल/ Lentil Crop का स्थान सबसे पहले आता है. क्योंकि यह फसल बाजार में काफी लोकप्रिय दलहनी फसल/ Pulse Crop है. अगर किसान मसूर की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्होंने कई बातों का ध्यान रखना होता है. इसी कड़ी में आज हम देश के किसानों के लिए जनवरी के महीने में मसूर फसल की महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं, जिससे किसान की लागत कम होगी और साथ ही उपज में भी बढ़ोतरी होगी.

बता दें कि हरियाणा कृषि विभाग/ Haryana Agriculture Department के द्वारा जारी की गई सूचना के तहत किसान जनवरी महीने में क्या करें. ताकि उनकी फसल उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके. इस बारे में आइए विस्तार से जानते हैं-

जनवरी महीने में मसूर फसल के लिए जरूरी कार्य

मसूर फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए किसानों को जनवरी के महीने में कई बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसके लिए हरियाणा कृषि विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर इससे जुड़ी जानकारी साझा की है, जिसमें बताया गया कि किसानों को इस दौरान मसूर की फसल में व्हील हैंड हो से खोदकर खरपतवार निकाल दें इससे फसल में वृद्धि होगी. इसके अलावा किसान को मसूर की समय-समय पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें. फलियां बनते समय सिंचाई करने से पैदावार में बढ़ोतरी होती है.

मसूर की खेती के लिए रोग व कीट नियंत्रण

किसानों को मसूर की फसल पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है. क्योंकि मसूर की खेती में उकठा रोग बहुत ही तेजी से लगता है और यह फसल भी तेजी के साथ खराब करता है. इसके नियंत्रण के लिए पहले मृदा और बीज को उपचारित करें.

वहीं फसल चक्र में बदलाव करने पर भी उकठा रोग कम लगता है. इसके अलावा मसूर में गेरुआ रोग का भी प्रकोप अधिक देखने को मिलता है. गेरूआ रोग के नियंत्रण के लिए सही समय पर डायथिन एम 45 का छिड़काव करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: रबी फसलों में बीज उपचार कर पैदावार बढ़ाएं

वहीं, मसूर में माहो पत्ती छेदक और फली छेदक कीट का प्रकोप अधिक होता है. माहो के नियंत्रण के लिए मोनोक्रोटोफॉस (15 एमएल मात्रा ) प्रति 1 मिली लीटर में घोल बनाकर किसान को छिड़काव करना चाहिए. जबकि पत्ती और फली छेदक के लिए संशोधित कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.

English Summary: Lentil Crop Masoor Ki Fasal Pulse Crop Haryana Agriculture Department Lentil cultivation masoor ki kheti Published on: 12 January 2024, 02:53 PM IST

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