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Wheat Irrigation: क्या है गेहूं की फसल में सिंचाई का सही समय? कितनी बार देना होता है पानी, यहां जानें सबकुछ

Gehun ki sinchai: क्सर देखा जाता है कि कई किसान गेहूं की बुवाई करते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी पैदावार नहीं मिल पाती. जबकि जिन किसानों ने बुवाई के दौरान सिंचाई पर विषेश ध्यान दिया हो, उन्हें बेहतर उत्पादन मिलता है. तो आइए जानते हैं किसानों को कब और कितनी सिंचाई करनी चाहिए?

KJ Staff
क्या है गेहूं की फसल में सिंचाई का सही समय?
क्या है गेहूं की फसल में सिंचाई का सही समय?

Gehun Ki Sinchai: देश में इन दिनों गेहूं की सिंचाई का समय है. गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए सिंचाई बेहद जरूरी है. गेहूं की खेती में 4 से 6 बार सिंचाई करने की आवश्यकता होती है. यदि किसान समय पर सिंचाई करता है, तो वह अपनी फसल से अच्छी उपज प्राप्त कर सकता है. इस दौरान किसानों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ये जानना बेहद जरूरी है. अक्सर देखा जाता है कि कई किसान गेहूं की बुवाई करते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी पैदावार नहीं मिल पाती. जबकि जिन किसानों ने बुवाई के दौरान सिंचाई पर विषेश ध्यान दिया हो, उन्हें बेहतर उत्पादन मिलता है.

कब करें गेहूं की सिंचाई?

गेहूं की फसल में आमतौर पर 4 से 6 सिंचाई करना पर्याप्त रहता है. इस समय गेंहू की फसल में बालियों में फूल आ गए है. अधिक पैदावार के लिए गेंहू की बालियों में फूल आते समय सिंचाई करना अति आवश्यक है, जिससे की गेंहू की पैदावार में वृद्धि होती है. जानकारी के लिए बता दें की, रेतीली भूमि में 6 से 8 सिंचाई की आवश्यकता होती है. रेतीली मिट्टी में किसानों को हल्की सिंचाई करनी चाहिए, जिसके लिए 5 से 6 सेंटीमीटर पानी की जरूरत होती है. जबकि, भारी मिट्‌टी में गहरी सिंचाई की जरूरत होती है. इसमें किसान को 6-7 सेंटीमीटर तक सिंचाई करनी चाहिए. यह सभी सिंचाई गेहूं के पौधे की अलग-अलग अवस्था में करनी चाहिए, जिससे अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके.

गेहूं की उपज के लिए, मिट्टी के नमी के आधार पर सिंचाई करनी चाहिए. अगर मौसम ठंडा है और भूमि में नमी है, तो सिंचाई को देरी से किया जा सकता है. इसके विपरीत, अगर भूमि सूखी है, तो तुरंत सिंचाई की आवश्यकता होती है. अगर मौसम गर्म है, तो पौधों को सिंचाई की अधिक आवश्यकता होती है. इससे यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भूमि में नमी की मात्रा बनी रहे और पौधे सही तरीके से विकास कर सकें. गेहूं की अच्छी उपज के लिए 35 से 40 सेंटीमीटर पानी की आवश्यकता होती है. किसानों को इसकी पूर्ति अलग-अलग निर्धारित समय पर करनी चाहिए.

ज्यादा सिंचाई से होगा नुकसान

यदि किसान ज्यादा सिंचाई करते हैं तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है. ज्यादा सिंचाई से गेंहू की पत्तियां पीली पड़ जाती है और उत्पादन में कमी आ सकती है। फिर भी यदि आपके गेंहू की पत्तियां पीली पड़ गई है तो आप अपने नजदीकी। कृषि विभाग से सलाह लेकर उचित समस्या का समाधान कर सकते है.

कितनी बार करें सिंचाई?

यदि आपके पास सिंचाई की सुविधा है, तो फसल में 5 से 8 सिंचाई की जा सकती है और अगर आपके पास पानी की सुविधा नहीं है, तो आप 3 से 5 सिंचाई कर सकते हैं. गेहूं की विभिन्न अवस्थाओं में सिंचाई करने से अधिक उत्पादन मिलता है. गेहूं की फसल में 20 से 25 दिन बाद मुख्य जड़ बनने पर पहली सिंचाई करनी चाहिए. इसी तरह, दूसरे सिंचाई 40 से 50 दिन बाद, तीसरी सिंचाई 65 से 70 दिन बाद, चौथी सिंचाई 90 से 95 दिन बाद, पांचवी सिंचाई 105 से 110 दिन बाद और छठी सिंचाई 120 से 125 दिन बाद करें.

English Summary: Gehun ki sinchai What is the right time for irrigation in wheat crop How often to water know everything here Published on: 12 January 2024, 04:58 PM IST

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