काला गेहूं साधारण गेहूं के मुक़ाबले बहुत अधिक पौष्टिक होता है तथा गुणवक्ता के मामले में इसे Blueberries नामक फल के बराबर रखा गया है. इसके अलावा आम गेहूं में जहां एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पास प्रति मिलियन होती है, वहीँ ब्लैक व्हीट मे 40 से 140 पास प्रति मिलियन पायी जाती है. एंथोसाइनिन ब्लू बेरी जैसे फलों की तरह सेहत लाभ प्रदान करता है. यह शरीर से फ्री रेडिकल्स निकालकर हार्ट, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों की रोकथाम करता है. इसमें जिंक की मात्रा भी अधिक होती है. ऐसे में आइये जानते है इसके सेवन से होने वाले फायदे-
काला गेहूं तनाव को करे दूर
आज के समय में लगभग हर शख्स तनाव से पीड़ित है या इसका कही न कही सामना कर रहा है. तनाव से बाहर आने के लिए वह रोजाना नई -नई दवाईयों का सेवन करता है, जिसका परिणाम यह होता है कि कुछ समय के बाद जब इन दवाइयों का असर समाप्त होने लगता है तो पीड़ित इन्सान अपना रुझान नई दवायों की तरफ़ कर देता है, मतलब स्थिति और भी ख़राब होती चली जाती है. यहाँ काला गेहूं (Kala Gahun) तनाव जैसी इस भयानक बीमारी को समाप्त करने के लिए एक आशा की किरण लेकर आया है. शोध से यह पता चला है की तनाव से पीड़ित व्यक्ति पर इसके प्रयोग के बहुत ही सकारात्मक परिणाम पाये गये हैं.
काला गेहूं से मोटापा पर नियंत्रण
शोध में मोटापे को कंट्रोल करने में भी काले गेहूं का बहुत ही उत्साहजनक परिणाम मिले हैं.
काला गेहूं से कैंसर की रोकथाम: कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका अभी तक कोई स्थाई ईलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है, इस समय पर काला गेहूं उन सभी लोगों के लिए खाद्य खुराक के रूप में बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है जब इस रोग पर नियंत्रण पाने में दवाएं विफल साबित हो रही हैं.
मधुमेह या डायबीटीज में काला गेहूं बेहद कारगर
यह एक ऐसा रोग है जो दुनिया के सभी प्रगतिशील देशो के साथ भारत व अन्य देशों में अपने पाव पसार चुका है, और विडम्बना यह है कि बहुत सी महंगी दवायों के बावजुद अभी तक इसका स्थायी ईलाज उपलब्ध नहीं है, यहाँ भी रिसर्च में काले गेहूं प्रयोग के पीड़ित इंसान पर सकारात्मक परिणाम सामने आयें हैं.
काला गेहूं हृद्य रोग में कारगर
हृदय संबधी अधिक मात्रा में बढ़ रहे रोग आज की हमारी जीवन शैली का ही परिणाम हैं, मॉडर्न जिन्दगी के नाम पर हम अपने स्वस्थ शरीर रूपी पूंजी को खोते जा रहे है. इसान महंगे ईलाज से अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने का संघर्ष कर रहा है जो कि बहुत खर्च के बावजूद स्वस्थ जीवन की गारंटी नहीं देता. हृदय रोगियों पर किये शोध में काले गेहूं के मामले में बहुत सार्थक परिणाम सामने आयें हैं.
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