1. Home
  2. खेती-बाड़ी

किसानों के लिए आयोजित वेबिनार में BASF ने अपने ख़ास प्रोडक्ट्स के गिनाए फ़ायदे

कृषि जागरण ने देश के किसानों के लिए 25 जनवरी को गेहूं यानि कि कनक पर विशेष वेबीनार का आयोजन किया. वेबिनार का आयोजन बीएएसएफ़ (BASF) की मदद से किया गया. इस वेबिनार में वैज्ञानिकों ने गेहूं की खेती को लेकर अहम जानकारी साझा की इतना ही नहीं बीएएसएफ इंडिया लिमिडिट कंपनी ने स्मार्ट प्रोडक्ट ‘प्रायक्सर’ (Priaxor) के बारे में भी अहम जानकारी दी कि ‘प्रायक्सर’ एक फफूंदीनाशक है जो फसल में तनाव और बीमारियों का मुकाबला करने में मदद करता है।

Ashwini Wankhade
BASF India का 'Priaxor' है गेहूं की पैदावार में बढ़ोत्तरी दिलाने का नया उपाय
BASF India का 'Priaxor' है गेहूं की पैदावार में बढ़ोत्तरी दिलाने का नया उपाय

कृषि जागरण ने देश के किसानों के लिए 25 जनवरी को गेहूं यानि कि कनक पर विशेष वेबिनार का आयोजन किया. वेबिनार का आयोजन बीएएसएफ़ (BASF) इंडिया लिमिटिड की मदद से किया गया था. बीएएसएफ़ इंडिया कंपनी किसानों की खेती की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कवकनाशी, कीटनाशक, शाकनाशी, बीज उपचार उत्पाद (Fungicides, Insecticides, Herbicides, Seed Treatment Products) और डिजिटल सॉल्यूशन सहित वर्ल्ड लेवल क्रॉप सॉल्यूशन मुहैया कराती है. बीएएसएफ इंडिया कंपनी भारत में 75 से ज़्यादा सालों से किसानों के साथ मिलकर खेती में चुनौतियों को दूर करने के लिए, उत्पादन बढ़ाने के लिए काम कर रही है. उनकी टीम पूरे देश के किसानों और एग्री एक्सपर्ट्स के साथ जुड़ी हुई है. बीएएसएफ़ इंडिया एक रीसर्च बेस्ड कम्पनी है. जिसका दावा है कि उसके पास गेहूं की परेशानियों से जुड़ी हर परेशानी का हल मौजूद है.

इस वेबिनार में किसानों को गाइड करने के लिए डॉ. ओ.पी. बिश्नोई, कृषि वैज्ञानिक, गेहूं प्रजनक, चौधरी चरण सिंह, हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार साथ ही डॉ. रेनू मुंजाल, प्रधान वैज्ञानिक, गेहूं और जौ अनुभाग, आनुवंशिकी और पादप प्रजनन विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार और शकील उस्मानी, प्रशिक्षण प्रबंधक, बीएएसएफ इंडिया उपस्थित रहे।

वेबिनार के शुरुआत में डॉ. ओ.पी. बिश्नोई ने किसानों से कहा कि वह गेहूं की WH-1105, DBW-222, WH 1270, DBW 327, DBW 303, DBW 187, DBW 826, HD-3386 और HD-3086 किस्मों की खेती करें जिससे कि उन्हें अच्छी पैदावार मिले. साथ ही उन्होंने कहा कि गेहूं की ये सभी किस्में अगेती खेती करने के लिए सबसे अच्छी है. वहीं गेहूं की पछेती किस्म WH-1124,HD-3059, DBW-90, PBW 771, HD-3298 है ये सभी किस्में 20 से 25 दिन के अन्दर पक कर 60 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है.

वहीं डॉ. रेनू मुंजाल ने गेहूं के बारें में जानकारी देते हुए यह बताया कि किसान अक्सर गेहूं के पौधों की बालियों में दाने कम भरने के वजह से परेशान रहते हैं जिसका मुख्य कारण वातावरण हो सकता है, क्योंकि कुछ किस्में ऐसी होती है जो वातावरण को नहीं झेल पाती है. जैसे ही वातावरण में वृद्धि होती है वैसे ही खेती में नमी की कमी हो जाती है. जिसकी वजह से पौधों की बालियों में दाने कम भरते हैं साथ ही पौधों में Nutrient और बोरोन के वजह से भी दाने पूरे नहीं भर पाते हैं. इसीलिए किसानों को सबसे पहले किस्म का चुनाव कर लेना चाहिए और किस्म के अनुसार ही किस वातावरण में खेती करनी है इस पर भी विचार करना चाहिए साथ ही किसानों को मिट्टी की भी जांच करा लेनी चाहिए.

वहीं बीएएसएफ इंडिया कंपनी की तरफ से शकील उस्मानी ने गेंहू का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने झंड़ा पत्ती के बारे में भी विस्तार से बताया. इतना ही नहीं शकील उस्मानी ने बीएएसएफ इंडिया कंपनी के स्मार्ट प्रोडक्ट ‘प्रायक्सर’ (Priaxor) के बारे में भी अहम जानकारी दी कि ‘प्रायक्सर’ एक फफूंदीनाशक है जो तनाव और बीमारियों का मुकाबला करने में मदद करता है। ‘प्रायक्सर’ पौधो के अंदर तेजी से वितरित होकर बीमारियों की रोकथाम और तनाव के प्रति लंबे समय तक सहनशील बना रहता है। प्रायक्सर’’ का उपयोग खासकर गेंहू, सोयाबीन, मूंगफली और कपास में किया जाता है.

ये भी पढें: गेहूं की किस्म एचडी 3406 (उन्नत एचडी 2967) की खेती कर पाएं प्रति हेक्टेयर 64 क्विंटल तक पैदावार, जानें अन्य विशेषताएं

साथ ही बीएएसएफ़ इंडिया कंपनी की ओर से किसानों को ये इंश्योर किया गया कि उन्हें अगर गेंहू की खेती में बीएएसएफ़ पोर्टफ़ोलियो को लेकर कोई भी सवाल है तो कम्पनी की तरफ़ से पूरी तरह से मदद की जाएगी.

English Summary: Krishi jagran webinar on wheat farming for farmers Published on: 30 January 2024, 07:01 PM IST

Like this article?

Hey! I am Ashwini Wankhade. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News