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जानें फसल चक्र क्या है और कैसे इसकी मदद से बढ़ेगी किसानों की कमाई?

कृषि व्यवस्था की अगर बात करें, तो इसे दो भागों में मौसम के हिसाब से बांटा हुआ है.रबी और खरीफ़.इन्हीं दो मौसम के हिसाब से किसान अपनी खेती करते आ रहे हैं. समय और जलवायु के अनुकूल वो फसलों का चयन करते हैं और उसी की बुवाई भी करते हैं.

प्राची वत्स
Agriculture
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कृषि व्यवस्था की अगर बात करें, तो इसे दो भागों में मौसम के हिसाब से बांटा हुआ है.रबी और खरीफ़.इन्हीं दो मौसम के हिसाब से किसान अपनी खेती करते आ रहे हैं. समय और जलवायु के अनुकूल वो फसलों का चयन करते हैं और उसी की बुवाई भी करते हैं.

किसान अपने खेतों में बार-बार एक ही फसल लगाकर अच्छी कमाई करने की सोचते हैं, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है. इसका मुख्य कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता है. अगर एक ही जमीन पर बार-बार एक ही फसल लगाई जाए, तो इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है. जिसका असर फसलों पर पड़ता है और मेहनत के मुताबिक उन्हें फसल नहीं मिल पाती है.

इसलिए कृषि वैज्ञानिक (Agriculture Scientist) का कहना है कि फसल चक्र एक एसी विधि है, जिसमें अतरिक्त लागत कुछ भी नहीं लगती है और कमाई भी बढ़ती जाती है. आपको बता दें कि सालों से चली आ रही गेहूं-धान (Wheat-Paddy) जैसी परंपरागत फसलों को उगाते आ रहे हैं. जो हर सीज़न में रिस्क नहीं ले सकते. खेती की इस परंपरागत तरीके को मोनोकल्चर‘ (Monoculture) कहा जाता है. आइए जानते हैं आखिर मोनोकल्चर क्या है?

क्या है फसल चक्र ? (What is crop circle?)

फसल चक्र, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, मिट्टी में पोषक (nutrients in the soil) तत्वों का अनुकूलन, और कीट, रोग कारकों और खरपतवार (Disease factors and weeds) के दबाव से निपटने के लिए एक ही भूखंड पर क्रमिक रूप से विभिन्न फसलें लगाने की विधि है.

उदाहरण के तौर पर, एक किसान ने मकई का खेत बोया है. जब मकई की फसल समाप्त हो जाती है, तो वह फलियों वाली फसल (Legume crop) दलहनी फसल लगा सकता है. क्योंकि मकई बहुत अधिक nitrogen की खपत करती है और फलियाँ नाइट्रोजन को मिट्टी में लौटा देती हैं. इससे मिट्टी की खोई उर्वरक क्षमता वापस मिट्टी में लौट आती है.

क्या है इसका समाधान (What is the solution)

वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक साधारण फसल चक्र (crop rotation) में दो या तीन फसलें शामिल हो सकती हैं और जटिल रोटेशन (complex rotation) में एक दर्जन या अधिक शामिल हो सकते हैं. विभिन्न पौधों की अलग-अलग पोषण संबंधी आवश्यकताएं होती हैं. विभिन्न रोगजनकों और कीटों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं.

यदि कोई किसान हर साल ठीक उसी जगह पर एक ही फसल लगाता है, जैसा कि पारंपरिक खेती में आम है, तो वह लगातार वही पोषक तत्व मिट्टी से निकालता है. कीट और रोग खुशी-खुशी खुद को एक स्थायी घर बना लेते हैं क्योंकि उनके पसंदीदा खाद्य स्रोत (food source) की गारंटी होती है. जिस वजह से फसलों का काफी नुकसान होता है और इसका हर्जाना किसानों को भुगतना पड़ता है.

क्या हैं इसके फ़ायदे (What are its benefits)

इस तरह की मोनोकल्चर (Monoculture) के साथ, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बढ़ते स्तर की आवश्यकता होती है, ताकि पैदावार अधिक हो और कीड़े और बीमारी को दूर रखा जा सके. फसल चक्र से कृत्रिम आदानों के बिना पोषक तत्वों को मिट्टी में वापस लाने में मदद मिलती है.

यह अभ्यास कीट और रोग चक्रों को बाधित करने, विभिन्न फसलों की जड़ संरचनाओं से बायोमास (Biomass) बढ़ाकर मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करने और खेत पर जैव विविधता को बढ़ाने के लिए भी काम करता है. मिट्टी में जीवन विविधता पर पनपता है, और लाभकारी कीड़े और परागणक भी जमीन के ऊपर की विविधता के लिए आकर्षित होते हैं.

English Summary: Know what is crop cycle, how will it help farmers' income Published on: 18 January 2022, 04:10 PM IST

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