फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक दीमक का आक्रमण देखने को मिलता है. दीमक पौधों की जड़ को काटकर 20 से 50% तक फसल को नुकसान पहुंचाती है, इसके साथ ही यह कीट फलदार और उपयोगी पौधों को भी नुकसान पहुंचाता है. जिस क्षेत्र में दीमक अधिक नुकसान करती वहाँ तरह तरह के तरीके अपना कर कीट नियंत्रण करना काफी कारगर साबित होता है. इस विधि को समन्वत कीट प्रबंधन करना कहते हैं. तो आइये जानते हैं दीमक से बचाव और नियंत्रण के उपाय-
खेतों की सफाई करके (Cleaning the fields)
दीमक सबसे अधिक खेत में पड़े फसल के पिछली अवशेषों को खाती रहती है अगर फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों को इक्क्ठा करके उसकी कंपोस्ट या खाद बना लें तो खेत में काफी हद तक नियंत्रित हो जाती है.
कच्ची गोबर खाद का प्रयोग न करें (Do not use raw dung manure)
गोबर की बिना सड़ी खाद दीमक का सबसे प्रिय भोजन है. इसके खाने से दीमक की प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे इनकी संख्या अधिक बढ़ जाती है. ज़्यादातर किसान गोबर की खाद को बिना सड़ी गली अवस्था में ही खेत के अंदर डाल देते हैं, जिससे यह अनियंत्रित रूप से बढ़ जाती है. इसलिए गोबर की खाद से वर्मी कंपोस्ट बनाकर या खाद बनाकर ही खेत में डाले.
निंबोली का प्रयोग करके (Using nimboli)
25 किलो नीम की निंबोली को प्रति बीघा के हिसाब से खेत में मिलाने से दीमक को नियंत्रित रखा जा सकता है. निंबोली का खेत में लगातार प्रयोग करने से खेत में दीमक पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं.
मटका विधि से (By Matka method)
पुराने मटको में अंगुली के आकार के चार से पांच छेद बना लें. इन मटको में आधे सूखे और आधे गिले उपले (गोबर के कंडे) डालकर या मक्का के बीज रहित भुट्टे को डालकर मटको को 50 फीट की दूरी पर जमीन में गाड़ देना चाहिए. घड़े का मुंह जमीन से 1 इंच ऊपर रखें और घड़े के मुंह पर सूती कपड़ा बांध दे. करीब 10 से 12 दिनों में घड़े में दीमक भर जाती है अब इन घरों को जमीन से निकालकर जलती हुई आग में रख दें या नष्ट कर दें. यह क्रिया थोड़े समय के अंतराल पर लगभग तीन से चार बार दौरानी पड़ती है जिससे दीमक की संख्या कम हो जाती है.
जैविक कीटनाशी से करें बचाव (Use Biological pesticides)
जैविक फफूंदनाशी बुवेरिया बेसियाना एक किलो या मेटारिजियम एनिसोपली एक किलो मात्रा को एक एकड़ खेत में 100 किलो गोबर की खाद में मिलाकर खेत में बीखेर दें. मिट्टी जनित रोग से फसल को बचाने के लिए ट्राइकोडर्मा विरिड की एक किलो मात्रा को एक एकड़ खेत में 100 किलो गोबर की खाद में मिलाकर खेत अंतिम जुताई के साथ मिट्टी में मिला दें. जैविक माध्यम अपनाने पर खेत में पर्याप्त नमी अवश्य रखें.
रासायनिक नियंत्रण द्वारा (By chemical control)
दीमक के प्रभावी नियंत्रण के लिए बीज का उपचार क्लोरोपायरीफॉस, इमिडाक्लोप्रिड, फिप्रोनिल या थायोमेथोक्साम जैसे दवा से करना चाहिए. ताकि शुरुआती अवस्था में फसल को नुकसान से बचाया जा सके. यदि खड़ी फसल में दीमक से नुकसान होने पर सिंचाई जल के साथ क्लोरोपायरीफॉस 2.5 लीटर प्रति एकड़ प्रयोग करना चाहिए.
दीमक बांबी नष्ट करना (Destroy Termite home)
जिन खेतों में दीमक की समस्या अधिक होती है, उन खेतों की मेड़ और ऊंचे स्थानों पर दीमक अपना घर बना लेती है जिसे बांबी भी कहते है. इस बांबी में 2 फीट की गहराई में रानी दीमक रहती है जो आकार में बड़ी होती है. इसका मुख्य कार्य केवल अंडे देना होता है. अतः इस को नष्ट करने से दीमक की संख्या नियंत्रित की जा सकती है. बांबी वाले स्थान पर 2 X 2 X 2 फीट आकार का गड्ढा बनाकर इसमें क्यूकफॉस (Quick Phos) दवा की चार से पांच गोली डालकर पॉलिथीन बिछा दे तो इससे निकलने वाली जहरीली गैस दीमक को सुरंग में प्रवेश कर जाती है और दीमक नष्ट हो जाती है.
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