फूलगोभी की खेती से किसान कम समय में अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं. मालूम हो कि फूलगोभी की खेती किसान हर एक सीजन में कर सकते हैं. वहीं लोगों के द्वारा फूल गोभी का इस्तेमाल सब्जी, सूप और आचार आदि बनाने के लिए किया जाता है. क्योंकि इस सब्जी में विटामिन-बी की मात्रा के साथ प्रोटीन भी अन्य सब्जियों से कहीं अधिक पाया जाता है. यही वजह है कि बाजार में मांग हमेशा बनी रहती है. फिलहाल दिल्ली में फूल गोभी की कीमत 60 से 100 रुपये किलो तक है. वहीं फूलगोभी की खेती के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु आवश्यक होती है. ध्यान रहे कि फूलगोभी की फसल में रोग लगने की संभावना सबसे अधिक होती है. इसके बचाव के लिए बीजों की बुवाई से पहले ही कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित फफूंदनाशक से शोधन जरूर करें.
फूलगोभी की उन्नत किस्में/ Improved varieties of cauliflower
आईसीएआर, पूसा के वैज्ञानिकों ने किसानों को फूलगोभी की खेती से किसी भी सीजन में अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए कुछ बेहतरीन किस्मों को विकसित किया है, जिनमें पूसा अश्विनी, पूसा मेघना, पूसा कार्तिक और पूसा कार्तिक शंकर आदि शामिल हैं.
वहीं फूल गोभी की अन्य अगेती किस्मों में- पूसा दिपाली, अर्ली कुवारी, अर्ली पटना, पन्त गोभी- 2, पन्त गोभी- 3, पूसा कार्तिक, पूसा अर्ली सेन्थेटिक, पटना अगेती, सेलेक्सन 327 और सेलेक्सन 328 आदि शामिल हैं.
इसके अलावा फूलगोभी की पछेती किस्मों में- पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2, पूसा स्नोबॉल-16 आदि शामिल हैं.
फूलगोभी की मध्यम किस्मों में- पंत सुभ्रा, पूसा सुभ्रा, पूसा सिंथेटिक, पूसा अगहनी उयर पूसा स्नोबॉल आदि शामिल हैं.
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फूल गोभी की खेती के लिए जरूरी बातें
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फूलगोभी की खेती के लिए आपको पहले खेत को समतल बनाएं, ताकि मिट्टी जुताई योग्य बन जाए.
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फिर आप जुताई दो बार मिट्टी पलटने वाले हल से करें.
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इसके बाद खेत में दो बार कल्टीवेटरचलाएं.
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प्रत्येक जुताई के बाद पाटा अवश्य लगाएं.
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मिट्टी का PH मान 5.5 से 7 के मध्य होना चाहिए.
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फूल गोभी की खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी और चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है.
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जिस मिट्टी में जैविक खाद की मात्रा अधिक हो वह फूलगोभी की उपज के लिए बेहद अच्छी होती है.
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