ठंड का पारा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है. सर्द हवाएं न केवल हमारे लिए ही मुश्किलें खड़ी कर रह हैं बल्कि फसलों को भी उतना ही नुकसान हो रहा है. इन दिनों आलू की फसल के लिए यह ठंड काफी नुकसानदायक है. हवाओं के साथ पाला भी पड़ना शुरू हो चुका है जिससे आलू की फसल पर खतरा मंडराने लगा है. पिछले कुछ दिनों से लगातार कोहरा और गलन बढ़ चुकी है. यही वजह है कि आलू की फसल में झुलसा रोग लगना भी शुरू हो चुका है.
झुलसा रोग की चपेट में आने से आलू की फसल लगाने वाले किसान काफी निराश हैं. आपको बता दें कि यह झुलसा रोग उन किसानों के लिए खासतौर से दिक्कत खड़ी कर सकता है जिन्होंने आलू की बुवाई देर से की है.
जहां एक तरफ किसानों को फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है, वहीं अभी तक इससे छुटकारा पाने का कोई भी विकल्प किसानों को नहीं मिल पा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि मौसम विभाग की रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में कोई भी परिवर्तन होने की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है.
इसका मतलब यह यही कि ठंड बनी रहेगी. किसान यह सोच के परेशान हैं कि किस तरह अपनी आलू की फसल को झुलसा रोग से बचा सकते हैं. आपको बता दें कि यह झुलसा रोग उन किसानों के लिए खासतौर से दिक्कत खड़ी कर सकता है जिन्होंने आलू की बुवाई देर से की है.
आज हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि किस तरह किसान इस झुलसा रोग से फसल को बचा सकते हैं, वो भी बिना किसी लागत के. जी हाँ, आप बिना किसी कीटनाशक पर पैसा खर्च किये इस झुलसा रोग से अपनी आलू की फसल को नियंत्रित कर सकते हैं. किसान सिंचाई करके ऐसा कर सकते है.
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अगर फसल में किसान हल्की सिंचाई करते हैं तो वे इससे फसल को बचा सकते हैं. यह सबसे बेहतर तरीका है. आपको बता दें कि विशेषज्ञों के मुताबिक अगर खेत में नमी बनी होती है तो फसल पर पाले का प्रभाव नहीं पड़ता है.
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