हॉप शूट्स शंकु आकार की एक प्रकार की सब्जी होती है. इसका स्वाद बहुत ही कड़वा होता है. इसके पेड़ की टहनियों का इस्तेमाल सलाद बनाने के लिए किया जाता है. इसकी जड़ें 2 से 3 मीटर गहरी होती हैं. हॉप शूट्स के फूल का इस्तेमाल बीयर बनाने के लिए किया जाता है. इसकी टहनियों को खाने के लिए उपयोग किया जाता है. हॉप शूट्स शरीर में मौजूद एंटीबाडी को बढ़ाता है. इसके साथ-साथ यह त्वचा को भी चमकदार बनाता है. दुनिया के विकसित देश जैसे अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, चीन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और यूरोप महाद्वीप के कई देशों में इसका उत्पादन होता है.
खेती का तरीका
मिट्टी
हॉप शूट्स की खेती के लिए रेतीली, दोमट एवम् चिकनी मिट्टी की आवश्यकता होती है. खेती करने वाली भूमि पर उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए तथी मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के मध्य जरूर होना चाहिए.
तापमान
हॉप शूट्स की खेती मुख्यत: ठंडी जगहों पर की जाती है. इसके पौधे को 19 डिग्री से लेकर 25 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होती है. भारत के हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर राज्य का तापमान हॉप शूट्स की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है.
रोपाई एवं सिंचाई
हॉप शूट्स के पौधों की रोपाई बीज की बजाय कंद के माध्यम से होती है. इसके पौधे लौकी की सब्जी की तरह जमीन पर फैलते हैं, जिस कारण इनको कतारों में लगाया जाता है. पौध के बीच की दूरी को 5 से 10 फ़ीट रखी जाती है. रोपाई के बाद सिंचाई की जरूरत होती है. हॉप शूट्स के पौधे के विकास के लिए खाद और उवर्रक की जरूरत होती है. गोबर की खाद के साथ-साथ रासायनिक उवर्रक जैसे की सुपर फास्फेट, म्यूरेट ऑफ़ पोटाश आदि उचित मात्रा में देना चाहिए.
कटाई
हॉप शूट्स की कटाई अगस्त से सितम्बर माह के बीच में होती है. फसलें जब पीली रंग की दिखने लगें तो उनकी कटाई कर देनी चाहिए. हॉप शूट्स को अच्छी तरह से सुखाने के लिए 30 से 35 डिग्री तापमान की जरूर होती है. उसके बाद इसे धूप में रख देना होता है.
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आपको बता दें कि हॉप शूट्स से प्रति एकड़ जमीन पर लगभग 400 से 700 किलोग्राम का उत्पादन किया जा सकता है. बाजार में इसकी कीमत 90 हजार से 1 लाख रूपए प्रति किलो तक है. आप भी इसकी खेती कर कुछ महीनों में मालामाल हो सकते हैं.
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