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जी हां ! बिना मिट्टी के भी होती है खेती, यकीन नहीं है तो पढ़ लें खबर

अब खेती करते समय किसान को खेत में मिट्टी के साथ खेलना नहीं पड़ेगा बल्कि किसान अब खेत में कोट-पैंट और टाई लगाकर भी खेती कर सकता है. यह बात आपको सुनने में थोड़ी अजीब लग रही होगी लेकिन पंजाब के लोग यह सपना सच करने वाले हैं.

किशन

अब खेती करते समय किसान को खेत में मिट्टी के साथ खेलना नहीं पड़ेगा बल्कि किसान अब खेत में कोट-पैंट और टाई लगाकर भी खेती कर सकता है. यह बात आपको सुनने में थोड़ी अजीब लग रही होगी लेकिन पंजाब के लोग यह सपना सच करने वाले हैं. दरअसल पंजाब में बिना मिट्टी के भी खेती करना संभव चुका है. ऐसा प्रयास करके दिखाया है हरदीप सिंह किंगरा ने. उन्होंने पंजाब के फरीदकोट में बिना मिट्टी के खेती करना शुरू कर दिया है. उन्होंने ऐसा कमाल दो तकनीक, न्यूट्रेंट फिल्म और हाइड्रोपोनिक्स के सहारे करके दिखाया है.

युवाओं को प्रोत्साहित करना शुरू किया

हरदीप का कहना है कि उन्होंने इस बारे में काफी लंबे समय से सोचा था कि इस देश में डॉक्टर अपने बेटे को डॉक्टर, इंजीनियर अपने बेटे को इंजीनियर बनाना चाहते हैं लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि किसान अपने बेटे से खेती-किसानी नहीं कराना चाहते हैं. युवाओं का खेती के प्रति ध्यानकर्षित करने के लिए ही उन्होंने आधुनिक खेती का इस्तेमाल करना शुरू किया है.

पहले शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती

हरदीप सिंह किंगरा का कहना है कि न्यूट्रेंट फिल्म तकनीक के सहारे उन्होंने अपने घर के पास स्थित थोड़ी सी जगह पर स्ट्रॉबेरी और कई तरह की सब्जियों को उगाया है. इन सभी को गिलासनुमा आकार के बर्तन में बोया है जिसके नीचे बड़ी संख्या में छेद हैं. इन छेदों में प्लास्टिक की पाइपों को फिट करने का काम किया जाता है. इन पाइपों में पानी बहता रहता है. इस प्रयोग में उनकी मेहनत काफी रंग लाई है.

हो रही है पांच गुना ज्यादा उपज

हरदीप सिंह कांगरा इस तकनाक से अपने खेतों में काम कर रहे हैं. इन खेतों जैविक उत्पादों की पैदावार तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में इस तकनीक के इस्तेमाल से आम खेती के मुकाबले में कई गुना अधिक पैदावार ली जा सकती है. खेत में जैसे-जैसे पानी के पाइपों की संख्या को बढ़ाया जाएगा फसल उतनी ही बेहतर होती जाएगी. इस तकनीक को घर की छत पर आसानी से अपनाया जा सकता है. इसमें मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होता है. मिट्टी न होंने के कारण काफी आसानी से खेती हो जाती है और इससे जगह की भी बचत होती है. दरअसल, हाइड्रोपोनिक्स तकनीक में मिट्टी का बिल्कुल प्रयोग नहीं होता है. इस तकनीक में पौधों को सीधे जड़ों में पानी दे दिया जाता है जिससे पेड़ों को सीध जड़ों तक पोषक तत्वों में पानी मिल जाता है.

English Summary: Here the soil is growing without soil Published on: 08 February 2019, 04:46 PM IST

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