केले कई तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. इसमें भारी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और विटामिन ए जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसे खाने से हमारा पेट भी साफ रहता है. हम में से कई लोग पीले या हरे केले से परिचित हैं. लेकिन क्या आप लाल केले के बारे में जानते हैं? देश में ऐसे कम ही लोग होंगे, जिन्हें इसके बारे में जानकारी होगी. तो आइए जानें कैसे होती है लाल केले की खेती व किसानों को कितना हो सकता है मुनाफा.
दुनिया भर में होती है लाल केले की खेती
पीले केले से ज्यादा लाभदायक लाल केले होते हैं. इसका उत्पादन करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. लाल केले की खेती दुनिया भर में होती है. इसे बड़े पैमाने पर अमेरिका, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया आदि में उत्पादित किया जाता है. लेकिन अब इसे भारत में उगाया जाने लगा है. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में भी इस केले की खेती से किसान जमकर कमाई कर रहे हैं. इस केले की रंग की वजह से बाजार में इसकी खूब मांग होती है. इसमें बीटा व कैरोटीन जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं.
खेती के लिए शुष्क जलवायु की आवश्यकता
लाल केले की खेती भी पीले केले की तरह ही होती है. केवल इसका पौधा बड़ा होता है और इसको संभालने में भी थोड़ी दिक्कत आती है. लाल केले के पौधों का खास तरह से ध्यान रखना पड़ता है. वैसों तो इसकी खेती के लिए किसी खास मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन खर्च अधिक आता है. इसकी खेती के लिए तापमान भी अनुकूल होना चाहिए. ये शुष्क जलवायु में फैलते हैं. लाल केले के पौधे ज्यादा तापमान को नहीं झेल पाते हैं. पौधा लगने के करीब पांच से छह महीने बाद यह केले तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं.
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पीले केले से ज्यादा होता है लाल केले का उत्पादन
लाल केले बहुत ही नरम होते हैं और ये पीले केले की तुलना में ज्यादा मीठा भी होता है. इसकी खास बात यह है कि इसे शुगर के रोगी भी आराम से खा सकते हैं. पीले केले की तुलना में लाल केला का उत्पादन ज्यादा होता है. एक गुच्छे में लगभग 100 लाल केले होते हैं. बाजार में लगभग 200 रुपये दर्जन यह केला बिकता है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि किसान इसकी खेती से कितना मुनाफा कमा सकते हैं.
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