संतरे की खेती को तेजी से बढ़ावा देने के लिए त्रिपुरा सरकार राज्य के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है. राज्य के कृषि मंत्री का कहना है कि राज्य सरकार ने 200 किसान परिवारों में से प्रत्येक को कुल 15000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है. इसका उद्देश्य है कि पश्चिम में स्थित बारामुरा पहाड़ी क्षेत्र में संतरे का उत्पादन बढ़ाया जा सकें.
संतरे की फसल को उगाया
त्रिपुरा राज्य के अलग-अलग भागों में संतरे की खेती को बढ़ावा दे रही है. संतरे की खेती के लिए राज्य के विभिन्न भागों में जलवायु स्थिति के अनुकूल है. उन्होंने बताया कि पहली बार में पश्चिम त्रिपुरा जिले के बारामुरा पहाड़ी क्षेत्र में 500 हेक्टेयर भूमि में संतरे की फसल को लगाया है.
संतरे की उत्पादकता घटी
उन्होंने एक हेक्टेयर भूमि में कुल 80 हजार संतरे के पेड़ों को लगाने का कार्य किया है. अतः बरामुरा पहाड़ी क्षेत्र में 500 हेक्टेयर भूमि में 40, 000, 000 संतरे के पेड़ लगाए है, उन्होंने बताया कि पहले संतरे की खेती केवल जम्मुई में की जाती थी जो कि उत्तर त्रिपुरा जिले की पाहडियों पर स्थित है. वह कहते है कि यहां की पहाड़ियों में संतरे की उत्पादकता काफी ज्यादा कम हो गई है. इसकी खेती में कमी आई है. किसान दूसरी फसलों जिनसें फसलों की आय ज्यादा हो रही है. जैसे कॉफी, बीट्स नटस और अदरक की खेती को वहां बढ़ावा दे रहे है.
सुधरेगा उत्पादन
राज्य के बागवानी के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर त्रिपुरा जिले की जम्मुई पहाड़ी क्षेत्र में पहले 12000 हेक्टेयर भूमि में संतरे का उत्पादन होता था. जो कि अब घटकर केवल 492 हेक्टेयर ही रह गया है. अधिकारियों को उममीद है कि आने वाले दिनों में संतरे का उत्पादन तेजी से बढ़ सकता है.
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