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बदलते हुए समय के साथ लोग अपने स्वास्थ को लेकर जागरूरक हो रहे हैं. जिसके चलते एक बार फिर शुद्ध खान-पान का चलन बढ़ने लगा है और ऑर्गेनिक खेती की मांग बढ़ रही है. गिरते हुए मृदा स्वास्ध को ध्यान में रखकर सरकार भी ऑर्गेनिक खेती पर विशेष राहत एवं सहायता दे रही है. इसी क्रम में नागालैंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है.
नागालैंड सरकार देगी ओर्गेनिक खेती को सहायताः
नागालैंड सरकार जैविक खेती को प्राथमिकता देते हुए जमीन तैयार करने जा रही है. इस बारे में बागवानी विभाग के सलाहकार माथुंग यनथन ने पाइनएप्पल फेस्टिवल में खास बात कही. उन्होनें कहा कि प्रदेश में 800 हेक्टेयर जमीन जैविक खेती के लिए तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सरकार हर संभव संसाधन एवं सहायता किसानों को देने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा कि हमारा राज्य पाइनएप्पल की खेती में विशेष पहचान बना चुका है और आज हम 20 हजार टन ऑर्गेनिक पाइनएप्पल देश को प्रदान कर रहे हैं.
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सिक्किम की तर्ज पर जैविक राज्य बनाने का है प्लानः
बता दें कि भारत में सिक्किम एक मात्र ऐसा राज्य है जहां बिना किसी खतरनाक रसायन या पेस्टीसिड्स के खेती होती है. नागालैंड सरकार भी सिक्किम की तर्ज पर प्रदेश को 100 फीसद और्गेनिक स्टेट बनाने की सोच रही है.
पाइनएप्पल के लिए जाना जाता है नागालैंडः
नागालैंड अन्य फसलों के अलावा सब-ट्रॉपिकल फलों के लिए देश-विदेश में जाता है. यहां पर केला, पपीता, साइट्रस आदि फलों की जैविक खेती भी की जाती है. राज्य पाइनएप्पल उत्पादन में भी आगे निकल रहा है. राज्य में तीन पीइनएप्पल के तीन किस्म तो विशेषकर प्रचलित हैं जिनकी जैविक खेती होती है. जैसे क़्वीन, क्वि और जैंट. इसके अलावा राज्य में भिन्न-भिन्न प्रकार के मसालों की खेती भी होती है.
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