किसान भाई टमाटर, आलू, गोभी आदि कई सब्जियों की खेती करते हैं, लेकिन आज हम आपको टमाटर की कुछ उन्नत किस्मों (Some Improved Varieties of Tomatoes) के नाम बताने जा रहे हैं, जिनकी खेती कर आप अच्छा उत्पादन के साथ – साथ मुनाफा भी अच्छा कमा सकते है. तो आइये टमाटर की उन उन्नत किस्मों के नाम के बारे में जानते हैं.
टमाटर की उन्नत किस्में (Improved Varieties Of Tomatoes)
साल 2010 में बेंगलुरु में स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान द्वारा टमाटर की इन किस्मों को विकसित किया गया था. हम जिस किस्मों की बात कर रहे हैं, वो अर्का सौरभ, ए आर टी एच 3, ए आर टी एच 4,अविनाश 2, बी एस एस 90, को. 3, एच एस 101, एच एम 102, एच एस 110, सिलेक्शन 12, हिसार अनमोल (एच 24 ), हिसार अनमोल (एच 24 ) आदि हैं. इसके अलावा हिसार अरुण (सिलेक्शन 7 ), हिसार लालिमा (सिलेक्शन 7 ), हिसार लालिमा (सिलेक्शन 18 ), हिसार ललित (एन टी 8 ) कृष्णा, के एस 2, मतरी, एम.टी एच 6 ), एन ए 601, नवीन, पूसा 120, पंजाब छुहारा, पंत बहार, पूसा दिव्या, पूसा गौरव, पूसा संकर 1, पूसा संकर 2, पूसा संकर 4, पूसा रुबी, पूसा शीतल, पूसा उपहार, रजनी, रश्मी, रत्न, रोमा और रुपाली आदि हैं. इन किस्मों की बुवाई से अच्छी पैदावार प्राप्त होगी.
टमाटर की किस्मों की खासियत (Characteristics Of Tomato Varieties)
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इन किस्मों का टमाटर आकार में बड़ा और गोल होता है.
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इन किस्मों की उत्पादन क्षमता बहुत अच्छी मानी जाती है. इनसे लगभग 75 से 80 टन प्रति हेक्टेयर उपज मिल जाती है.
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इनका वजन 90- 100 ग्राम के बीच होता है.
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टमाटर की खेती से जुड़ी जानकारी (Information Related To The Cultivation Of These Varieties Of Tomatoes)
टमाटर की इन किस्मों की बुवाई की बात करें, तो पूरे उत्तर भारत में ज्यादातर टमाटर की खेती जुलाई से अगस्त और वसंत माह में की जाती है. वहीं, दूसरी तरफ नवंबर से दिसंबर तक बुवाई की जाती है. खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिटटी होनी चाहिए. इसके साथ ही बलुई और दोमट मिटटी उचित मानी जाती है. वहीँ, मिटटी का पीएच मान 6.0 – 7 के बीच उचित माना जाता है. टमाटर की खेती के लिए मिटटी को भुरभुरा कर समतल कर लिया जाता है, ताकि इसकी अच्छी उपज हो सके. इस तरह आप टमाटर की उन्नत खेती कर सकते हैं.
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