अगर आप किसान हैं और कई फसलों की खेती कर रहे हैं, लेकिन चाहते हैं कि अतिरिक्त आमदनी भी करें, तो आज हम आपके लिए एक अच्छा विकल्प लेकर आए हैं. किसान चन्दन की खेती कर सकते हैं. जी हाँ, इस खेती में आपको करोड़ों का सालाना मुनाफ़ा मिलता है. अगर किसान चन्दन के पौधे लगाते हैं, तो 15 साल बाद किसान अपने उत्पादन को बाजार में उतार कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. आज हम आपको इसकी खेती से जुड़ी कुछ खास जानकारी देने जा रहे हैं.
खेती के लिए काली, लाल चिकनी बलुई मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. नमी वाली मिट्टी चंदन के पौधों के विकास के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है. इससे पेड़ों में हार्टवुड तेल की कमी हो जाती है. वहीं अगर पुरानी मिट्टी में इसकी खेती की जाए, तो पेड़ से बेहतर तेल निकाला जा सकता है. पौधों की रोपाई से पहले खेत की 2 से 3 बार गहरी जुताई करनी ज़रूरी है.
चन्दन की खेती (Chandan ki kheti) के लिए मध्यम वर्षा, भरपूर मात्रा में धूप और शुष्क मौसम की लंबी अवधि वाले क्षेत्रों को उपयुक्त माना गया है. तापमान की बात करें तो पौधों के लिए 12° c से 30°c तक का तापमान उचित है. साथ ही बारिश भी इसके लिए ज़रूरी है.
आपको बता दें कि किसान पौध रोपण (Planting of Trees) के लिए एक एकड़ भूमि में लगभग 435 पौधे लगा सकते हैं. ध्यान देने वाली बात है कि पौधों से पौधों की दूरी लगभग 10 फुट की रखें. किसान मई में चन्दन के पौधे लगा सकते हैं.
अब अगर खाद प्रबंधन की बात करें तो, चन्दन में जैविक खाद (fertilizer) की कुछ ख़ास ज़रूरत नहीं होती है. खेती की शुरुआत में पौधों के विकास के लिए ही उस दौरान सही समय पर खाद दें. वहीं, सिंचाई प्रबंधन (Irrigation Management) के तहत गर्मी के मौसम में किसान को इसकी सिंचाई अधिक करने की ज़रूरत पड़ती है.
ये है इसकी कीमत
कर्नाटक के रायचूर जिले में स्थित कविताला गाँव की रहने वाली कविता मिश्रा भी 13 साल से चंदन की खेती कर रही हैं. इनका कहना है कि इस समय चन्दन की कीमत 30 से 35 हज़ार रुपए प्रति किलो है. इसकी मांग भी काफी ज़्यादा है. देश के साथ विदेशों में भी चंदन की लकड़ी की मांग की जाती है जिनमें चीन (China), इंडोनेशिया (Indonesia) और अमेरिका (America) के साथ कई अन्य देश भी शामिल हैं.
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