देश के कई राज्यों में प्री-मॉनसून (Pre-monsoon) गतिविधियों की वजह से बारिश शुरू हो चुकी है. जहां खेतीबाड़ी करने वाले किसान खरीफ फसलों (Kharif Crops) की बुवाई और रोपाई काम शुरू करने की योजना बना रहे हैं.
वहीं दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल पहुंच चुका है. ऐसे में महाराष्ट्र कृषि विभाग (Maharashtra Agriculture Department) द्वारा किसानों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है. इसमें किसानों को खरीफ फसलों की रोपाई और बुवाई के काम में जल्दबाजी न करने की सलाह दी गई है.
महाराष्ट्र में प्री-मॉनसून गतिविधियां
आपको बता दें कि महाराष्ट्र के काफी बड़े हिस्से में प्री-मॉनसून (Pre-monsoon) गतिविधियों की वजह से कई बार बारिश हो चुकी है. हालांकि, अब किसान रोपाई और बुवाई का काम शुरू करने वाले हैं, लेकिन इसी बीच कृषि विभाग द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई है. इस एडवाइजरी में बताया गया है कि अभी फिलहाल हुई बारिश के बाद किसान रोपाई का काम न करें.
कब करें फसलों की रोपाई-बुवाई?
कृषि विभाग की एडवाइजरी में बताया गया है कि जब किसानों के क्षेत्र में 80-100 मिली मीटर बारिश हो, उसके बाद ही रोपाई करने का कार्य करें. बता दें कि कृषि विभाग ने यह सलाह किसानों को बीज की बर्बादी से बचाने के लिए दी है.
इन फसलों की बुवाई न करने की सलाह
कृषि विभाग ने एडवाइजरी में सोयाबीन, कपास और मक्का आदि फसलों की बुवाई न करने की सलाह दी है. इसके साथ ही विदर्भ में चावल उत्पादकों को धान की नर्सरी तैयार रखने की सलाह दी गई है. इसके अलावा रोपाई से बचने के लिए कहा है.
क्यों न करें बुवाई?
एडवाइजरी में बताया गया है कि फिलहाल बुवाई करने पर मिट्टी में नमी आ सकती है, जिससे बीज अंकुरित होने में विफल हो सकते हैं. इसका सीधा असर लागत और उत्पादन पर पड़ सकता है, तो वहीं बीज अंकुरित न होने की दशा में फिर से बुवाई करनी पड़ सकती है. ऐसे में किसानों को खरीफ फसलों की रोपाई-बुवाई न करने के लिए कहा है. बता दें कि पिछले साल किसानों द्वारा सोयाबीन अंकुरण की विफलता की शिकायत कराई गई थी, जिसका एक कारण मिट्टी में अपर्याप्त नमी था.
आने वाले दिनों में हो सकती है बारिश
पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में भारी से मध्यम बारिश हुई है. इसके साथ ही पुणे, कोल्हापुर, कोंकण मराठवाड़ा, सतारा, सांगली, उत्तरी महाराष्ट्र और विदर्भ के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश हुई है. बताया जा रहा है कि केरल तट पर मानसून (Monsoon) पहुंच गया है. इसके चलते आने वाले कुछ दिनों में महाराष्ट्र में बारिश हो सकती है.
जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र में सोयाबीन और कपास, दोनों की 40 लाख हेक्टेयर से अधिक बुवाई हो सकती है. इसके साथ ही अरहर, उड़द और मूंग जैसी दलहनों का कुल क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रह सकता है. इसके अलावा नकदी फसल गन्ना की पैदावार लगभग 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होने की उम्मीद जताई जा रही है.
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