नींबू जिसकी मांग आज के समय में सबसे अधिक है. इसकी इतनी अधिक मांग के चलते बाजार में नींबू के दाम भी काफी अधिक हैं. ऐसे में अगर किसान भाई अपने खेत में नींबू की उन्नत खेती करते हैं, तो उन्हें काफी अधिक मुनाफा होगा. लेकिन इसके लिए किसान भाई के पास सही जानकारी का होना बेहद जरूरी है. तो आइए आज हम आपको नींबू की उन्नत किस्मों (Lemon Varieties) के बारे में विस्तार से बताएंगे.
नींबू की उन्नत किस्में (Improved Varieties of lemon)
हमारे देश में नींबू की कई तरह की किस्में पाई जाती हैं. लेकिन इन सभी में से कुछ ही किस्में किसानों को अच्छा लाभ कमाकर देती हैं. जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं. कागजी नींबू, प्रमालिनी, विक्रम किस्म का नींबू आदि. आइए अब हम इन किस्मों के बारे में एक-एक करके विस्तार से जानते हैं...
कागजी नींबू (Paper lemon): नींबू की यह किस्म भारत के लगभग सभी राज्यों के किसानों के द्वारा उगाई जाती है. मिली जानकारी के मुताबिक, इस तरह के नींबू में 52 प्रतिशत रस की मात्रा होती है. किसानों के द्वारा इस नींबू की व्यापारिक रूप से खेती नहीं की जाती है.
प्रमालिनी (Pramalini): यह किस्म किसानों के द्वारा व्यापारिक रूप से उगाई जाती है. यह पेड़ पर एक गुच्छों में उगते हैं. प्रमालिनी नींबू का उत्पादन (Production of Pramalini Lemon) बाकी नींबू की तुलना से काफी अधिक होता है और साथ ही इसमें रस की मात्रा भी 57 प्रतिशत तक होती है.
विक्रम किस्म (Vikram variety): यह नींबू भी गुच्छों के रूप में उगते हैं. बता दें कि इस किस्म की पैदावार सबसे अधिक होती है. इसलिए किसान इस नींबू की खेती लाभ कमाने के लिए सबसे अधिक करते हैं. इस किस्म के एक गुच्छे से नींबू की मात्रा 7 से 10 तक पाई जाती है. देखा जाए तो विक्रम किस्म नींबू के पेड़ पर पूरे सालभर पैदावार देखने को मिलती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब हमारी टीम ने देश के किसान भाई से बात की तो उन्होंने बताया की हमारे भारत में किसानों के द्वारा नींबू की अलग-अलग प्रजातियां भी उगाई जाती हैं.
जैसे कि- रंगपुर नींबू, बारामासी नींबू, चक्रधर नींबू, पी.के.एम.1 नींबू, मैंडरिन ऑरेंज: कुर्ग (कुर्ग और विलीन क्षेत्र), नागपुर (विदर्भ क्षेत्र), दार्जिलिंग (दार्जिलिंग क्षेत्र), खासी (मेघालय क्षेत्र) आदि है.
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