अजवाइन का उपयोग खाने में मसाले के रूप में किया जाता है. इसके बहुत सारे औषधीय गुण भी हैं. अजवाइन का प्रयोग कई रोगों में घरेलू इलाज के साथ-साथ हैजा, कफ, ऐंठन और बदहजमी जैसी तमाम समस्याओं से निपटने में किया जाता है. इसे हम आमतौर पर गले में खराबी, आवाज फटने, कान दर्द, चर्म रोग और दमा जैसे रोगों की औषधि बनाने के लिए भी कर सकते हैं. बाजार में इसकी भारी मांग रहती है. ऐसे में आप इसकी खेती कर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं.
अजवाइन की खेती पहले अमेरिका, मिस्र, ईरान और अफगानिस्तान में की जाती थी, लेकिन अब भारत में भी इसे उगाया जाता है. भारत में अजवाइन की खेती करने वाले प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, आंध्रप्रदेश तथा मध्यप्रदेश शामिल हैं. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ और झालवाड़ा जिले में इसकी बड़ी संख्या में खेती की जाती है. इसके साथ ही भीलवाड़ा, कोटा, बूंदी और बांसवाड़ा जिला भी अजवाइन की पैदावार के गढ़ माने जाते हैं.
मिट्टी
अजवाइन की खेती करने के लिए अच्छी जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी को बेहतर माना जाता है. खेत का पीएच मान 6.5 से 8 के बीच का होना चाहिए.
जलवायु
अजवाइन की खेती रबी सीजन यानी कि सर्दियों के मौसम में की जाती है. यह पौधे अधिक गर्मी को सहन नहीं कर पाते हैं. अजवाइन की खेती में सिंचाई की कम आवश्यकता होती है. भारत में इसकी बुवाई करने का सही समय अगस्त से सितंबर के बीच होता है. पौधों में लगे अजवाइन के दानों को पकने के लिए 30 डिग्री तक के तापमान की आवश्यकता होती है.
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कमाई
अजवाइन की प्रति एकड़ की खेती में औसतन 10 क्विटल तक का उत्पादन मिल जाता है. बाजार में इसका भाव 12,000 रुपये से लेकर 20000 रुपये प्रति क्विंटल तक है. इससे आप एक एकड़ के खेत में अजवाइन की फसल की खेती करके 2 से 3 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं.
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