Dragon Fruit Farming: ड्रैगनफ्रूट की खेती भारतीय किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है. किसानों के बीच ड्रैगनफ्रूट को पिताया के नाम से भी पहचाना जाता है. ड्रैगनफ्रूट पोषणीय होने के साथ-साथ एक आकर्षक फल भी है, इसका सबसे अधिक उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उत्पादन किया जाता है. इस फल की खेती किसान करने कम समय और कम पानी के साथ कर सकते हैं, जिससे खेती में लाभ मिलते हैं. इसकी खेती करने के लिए अच्छी छांव और उच्च नमी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है. तेज धूप और गर्मी के मौसम में ड्रैगनफ्रूट के पौधों का बहुत ज्यादा ध्यान रखा जाता है.
आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, ड्रैगनफ्रूट के पौधों को तपती धूप से कैसे बचाएं.
ड्रैगनफ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त तापमान?
बता दें, ड्रैगनफ्रूट की खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 20 से 30 डिग्री माना जाता है और अधिकतम तापमान 36 डिग्री तक ही होना चाहिए. देश के कई राज्यों में इस समय तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियससे पर दर्ज किया जा रहा है. बढ़ते तापमान से ड्रैगनफ्रूट की खेती करने वाले किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. तेज गर्मी ड्रैगनफ्रूट के पौधों को झुलसा रही है, और इससे फूल-फल को भी नुकसान हो रहा है. लेकिन आपको ड्रैगनफ्रूट की खेती करने के लिए पर्याप्त रोशनी की आवश्यकता होती है, ज्यादा धूप इसके पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है.
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तेज गर्मी से सूखकर मर सकता है पौधा?
ऐसे में ड्रैगनफ्रूट के पौधों को धूप से बचाने के लिए उपाय करने बेहद जरूरी है. धूप के अधिक प्रभाव से इसके पौधों से फलों का उत्पादन कम हो जाता है और कभी कभी तेज गर्मी से पौधा सूखकर मर भी जाता है. इसके अलावा, इस पौध के गर्मी में लगातार झुलसने के बाद तने में सड़न जैसे रोग भी हो सकते हैं, जिससे पूरे खेत खराब हो सकते हैं. बता दें, ड्रैगनफ्रूट के पौधों के तने के पश्चिमी भाग पर धूप से झुलस की तीव्रता 10 से 50 फीसदी के बीच रहती है. ड्रैगनफ्रूट के पौधों को तेज धूप और गर्मी से बचाने के लिए किसानों को समय पर ही सावधानी बरतनी पड़ती है और इलाज भी करना होता है.
कैसे बचाएं धूप से?
ड्रैगनफ्रूट के पौधों को तेज धूप से बचाने के लिए आपको इसपर एंटी ट्रांसपिरेंटस का ओलिनाइट का उपयोग करना चाहिए. इसे आपको 25 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ नीम के साबुन को 4 ग्राम प्रति लीटर मिलाना चाहिए. इसके बाद आपको इसमें समुद्री घांस के अर्क और ह्यूमिक एसिड 4 ग्राम प्रति लीटर को पानी में मिलाकर ड्रैगनफ्रूट के खेतों पर छिड़काव करना चाहिए. इस उपाय के साथ तपती धूप में झुलसने से होने वाले नुकसान बैक्टिरिया और फंगल के संक्रमण से बचा जा सकता है. साथ ही आपको ड्रैगनफ्रूट के खेतों में प्रति पोल आठ 8 से 10 लीटर पानी की आवश्यकता होती है सिंचाई के लिए, जिससे इसकी फसल को नुकसान से बचाया सकता है.
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