आम एक सदाबहार वृक्ष है. जिसको भारत में फलों का राजा भी कहा जाता है. आम का वैज्ञानिक नाम मेंगीफेरा इंडिका है. इस फल की प्रजाति पहले केवल भारतीय उपमहाद्वीप में मिलती थी और बाद में यह धीरे-धीरे अन्य देशों में भी मिलने लगी. हालांकि इसका सबसे ज्यादा उत्पादन भारत में ही होता है. यह भारत के अलावा पाकिस्तान और फिंलीपींस में भी राष्ट्रीय फल माना जाता है. आम एक ऐसा फल है जो कि गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा पाया जाता है. यह एक रसीला और मीठा फल होता है और यह हर उम्र के लोगों को काफी ज्यादा भाता है. हमारे देश में भी विभिन्न प्रकार के रसीले आम पाए जाते है.
जानिए कैसे आम को खरीदें
जब भी आप बाजार में आम को खरीदने जाते है तो आपके सामने सबसे ब़ड़ी समस्या यह होती है कि कौन से आम को चुना जाए. इस दौरान आप काफी असमंजस में पड़ जाते है. इसीलिए आज हम आपको बता रहे है कि आपको कौन से आम आपको खाने चाहिए जो कि आपकी सेहत के लिए जरूरी होते है.क्योंकि आजकल मार्केट के अंदर आर्टिफिशियल आम काफी मात्रा में बिक रहे है जो कि आपकी सेहत के लिए हानिकारक होते है तो आइए हम आपको बता रहे है कि आम को किस तरीके से खरीदते वक्त चुनाव किया जाए-
1. बाजार में मिलने वाले आम के रंग पर आप कभी भी न जाए ऐसा जरूरी नहीं है कि अगर आम पीला है तो वह कुंदरती रूप से पके हुए हो. यह हरे और अन्य रंगों में भी हो सकते है.
2. पके हुए आम को डंठल के पास से सूंघने पर खास तरह की खुशबू आएगी जबकि कार्बोहाइट्रेड के सहारे पकाए गए आम से कोई महक नहीं आएगी
3. अगर किसी भी तरह से आम में एल्कोहल, कार्बोहाइट्रेड या किसी अन्य तरह की महक आती है तो ऐसे आमों को न खरीदें.
4. एक अच्छे पके हुए आम पर किसी भी तरह से कोई दाग नहीं होते है. जबकि केमिकल लगे आम का रंग दो से तीन दिन के अंदर काला हो जाता है.
5. आम को खरीदने से पहले आप इनको चखकर देखे कि जब ये मीठे और स्वादिष्ट लगे तब ही लें. जबकि कार्बाहाइड से पकाए फल का स्वाद किनारे पर कच्चा और मीठा होता है.
6. पके हुए फल का वेट और कलर एक समान होता है. यह स्वाद में भी पूरा मीठा होता है, साथ ही यह लंबे समय तक खराब नहीं होते है.
7. कोशिश करें कि बाजार से आम को खरीदने की जगह पर सीधे आम को बगीचे से ही खरीदे, और इनको घर में घास, कागज और प्याज के बीच में ही इनको पकाएं
आम की प्रचलित किस्में
माना जाता है कि पूरी दुनिया में आमों की करीब 1500 से ज्यादा किस्में प्रचलित है. जिनमें से एक हजार करीब किस्में करीब भारत में ही उगाई जाती है. हर किस्म की अपनी अलग पहचान होती है, इनकी अलग ही महक और स्वाद भी होता है, लेकिन उनमें से बहुत सी बेहद ही प्रचलित किस्में है जिनको बड़े ही शौक से खाया जाता है.
अल्फांसो
इस आम को आमों का राजा भी कहा जाता है. यह आम महाराष्ट्र में उगाया जाता है. वही अलग-अलग राज्यों में इसको अलग से उगाया जाता है. अलग-अलग राज्यों में इसको अलग नाम से जाना जाता है. बादामी, गुड़ू और कागड़ी, हापुस इसी के नाम है. यह मीडियम साइज का तिरछापन लिए हुए संतरी पीले रंग का आम होता है,
सिंदूरी आम
इस आम आंध्रप्रदेश की पैदावर होता है. यह मध्यम आकार का अंडाकार का आम है. इस आम का ऊपरी हिस्सा लाल और बाकी हरा रंग का होता है. इस आम को अप्रैल और मई के महीने में खरीदा जा सकता है. यह मार्केट में 120 रूपये किलो का है.
सफेद
यह खासतौर से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु का है. इसको हम बैंगनपल्ली और बेनिशान के नाम से भी जाना जाता है. यह आकार में बड़ा और मोटा होता है. इसका रंग सुनहरा पीला होता है, यह अप्रैल और मई के महीने में आता है.इसको आमतौर पर मैंगो शेक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
तोतापरी
यह मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश का है. यह बाजार में मई के महीने में आता है. यह आकार में थोड़ा लंबा होता है. इस आम की तोंते जैसी चोंच जैसी नामक निकली होती है. यह स्वाद में थोड़ा खट्टा होता है.
केसर
यह आम गुजरात की एक प्रमुख किस्म होती है. मई के अंत में बाजारों में यह काफी आसानी से उपलब्ध हो जाती है. इसके अंदर काफी मात्रा में गूदा होता है. इस आम की गुठली पतली होती है.
लंगड़ा आम
यह आम यूपी और बिहार में मशहूर होता है. जून से जुलाई के मध्य यह आम आ जाता है. यह मीडियम अंडेकार आकार का आम होता है. इस आम का रंग हरा होता है और रेशे कम होते है. आप ज्यादा समय तक इसको स्टोर करके नहीं रख सकते है.
चौसा
यह यूपी की फसल होती है. यह मुख्य रूप से जुलाई और अगस्त के महीने में आता है. यह साइज में अंडाकर और मीडियम आकार का होता है. यह बेहद ही रसदार और मीठा होता है. इसका रंग पीला होता है.
फजली
यह आम सीजन का सबसे अंतिम आम होता है जिसे फजली कहा जाता है. लोग अगस्त तक इसका स्वाद लेते है. अब इसका सीजन खत्म हो जाता है. मार्केट में इसका रेट 80 से 90 रूपये किलो होता है.
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