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अच्छी पैदावार हेतु दिसंबर माह के कृषि एवं बागवानी कार्य

कृषि और किसानों के आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान के लिए आवश्यक है की खेती-किसानी की विज्ञान सम्मत समसामयिक जानकारियां खेत किसान तक पहुंचाई जाएं. जब हम खेत खलिहान की बात करते है तो हमें खेत की तैयारी से लेकर पौध सरंक्षण, फसल की कटाई-गहाई और उपज भण्डारण तक की तमाम सूचनाओं से किसानों को अवगत कराना चाहिए. कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए आवश्यक है

विवेक कुमार राय
Vegetable farming
Vegetable Farming

कृषि और किसानों के आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान के लिए आवश्यक है की खेती-किसानी की विज्ञान सम्मत समसामयिक जानकारियां खेत किसान तक पहुंचाई जाएं. जब हम खेत खलिहान की बात करते है तो हमें खेत की तैयारी से लेकर पौध सरंक्षण, फसल की कटाई-गहाई और उपज भण्डारण तक की तमाम सूचनाओं से किसानों को अवगत कराना चाहिए. 

कृषि कार्य (Agriculture Work) 

गेहूं - गेहूं की अवशेष बुवाई शीघ्र पूरी कर लें. ध्यान रहे कि बुवाई के समय मिट्टी में भरपूर नमी हो. देर से बोये गेहूं की बढ़वार कम होती है और कल्ले भी कम निकलते हैं. इसलिए प्रति हेक्टेयर बीज दर में वृद्धि कर लें. बुवाई कतारों में हल के पीछे कूड़ों में या फर्टी सीड ड्रिल से करें.
जौ - जौ में पहली सिंचाई बुवाई के 30-35 दिन बाद कल्ले बनते समय करनी चाहिए.
चना - बुवाई के 45 से 60 दिन के बीच पहली सिंचाई कर दें. तो वही झुलसा रोग की रोकथाम के लिए प्रति हेक्टेयर 2.0 किग्रा 500-600 लीटर (मैंकोजेव 75 प्रतिशत 50 डब्यू०पी०) को पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें.

मटर- बुवाई के 35-40 दिन पर पहली सिंचाई करें. खेत की गुड़ाई करना भी फायदेमंद होगा.

मसूर - बुवाई के 45 दिन बाद पहली हल्की सिंचार्इ करें. ध्यान रखे, खेत में पानी खड़ा न रहे.

राई-सरसों- बुवाई के 55-65 दिन पर फूल निकलने के पहले ही दूसरी सिंचाई कर दें.

शरदकालीन गन्ना - आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें. इससे गन्ना सूखने नहीं पायेगा और वजनी भी बनेगा.

बागवानी कार्य (Gardening work)

सब्जियों की खेती (Vegetable Farming)

पौधे को पाले से बचाव के लिए छप्पर या धुएं का प्रबन्ध करें.

सब्जी मटर में फूल आने के पूर्व एक हल्की सिंचाई कर दें. आवश्यकतानुसार दूसरी सिंचाई फलियां बनते समय करनी चाहिए.

टमाटर की ग्रीष्म ऋतु की फसल के लिए पौधशाला में बीज की बुवाई कर दें.

प्याज की रोपाई के लिए 7-8 सप्ताह पुरानी पौध का प्रयोग करें.

टमाटर एवं मिर्च में झुलसा रोग से बचाव के लिए मैकोजेब 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें.

फलों की खेती (Fruit farming)

आम तथा लीची में ‘मिलीबग’ की रोकथाम के लिए प्रति वृक्ष 250 ग्राम मिथाइल पैराथियान का बुरकाव पेड़ के एक मीटर के घेरे में कर दें. फिर पेड़ के तनेपर जमीन से 30-40 सेन्टीमीटर की  ऊँचाई पर 400 गेज वाली एल्काथीन की 30 सेन्टीमीटर चौड़ी पट्टी सुतली आदि से कसकर बांध दें और उसके दोनों सिरों पर गीली मिट्टी या ग्रीस से लेप कर दें. पेड़ पर मिली बग का प्रकोप नहीं होगा.

पुष्प व सगन्ध पौधे (Flowers and aromatic plants)

ग्लैडियोलस में आवश्यकतानुसार सिंचाई एवं निराई-गुड़ाई करें. मुरझाई टहनियों को निकालते रहें और बीज न बनने दें.

मेंथा के लिए भूमि की तैयारी के समय अंतिम जुताई पर प्रति हेक्टेयर 100 कुन्टल गोबर की खाद, 40-50 किग्रा नाइट्रोजन, 50-60 किग्रा फास्फेट एवं 40-45 किग्रा० पोटाश भूमि में मिला दें.

English Summary: december month agricultural work and horticultural work of the month of December for good yield Published on: 07 December 2019, 04:55 PM IST

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