ठंड के मौसम में तेज बर्फीली हवाओं के कहर से मध्य प्रदेश में टमाटर, मिर्च, और बैंगन की फसलें पाले की चपेट में आने लगी है. भयंकर शीत लहर का सबसे ज्यादा असर टमाटर की फसल पर देखने को मिल रहा है. इसके अलावा बैंगन और मटर की फसल भी प्रभावित होने लगी है. पिछले एक हफ्ते से सर्द हवा और पाले से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. ठंड के कारण टमाटर की हरे पौधे की फसल काली पड़ने लगी है. यदि आने वाले दिनों में सर्दी कम नहीं हुई तो चना, मसूर आदि की फसल के भी पाले की चपेट में आने की आंशका है. किसानों ने बढ़ती ठंड को देखते हुए फसलों को बचाने के लिए कारगर उपाय शुरू कर दिए है. इसके लिए किसान लकड़ी जलाकर धुएं जैसे उपाय करने में लगे हुए हैं.
सब्जी की फसल को बचाने का हो रहा प्रयास
नमी की अत्यधिक कमी होने और कड़ाके की सर्दी पड़ने से चना, मटर, मसूर, मिर्च और सरसों की फसलें पाले से प्रभावित हो सकती हैं. सर्दी के कारण पत्तियां और फूल मुरझाकर सूखकर झड़ने लगते हैं. कृषि अधिकारियों ने बताया कि फसलों को ठंड में पाले से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा धुएं का उपयोग करें. फसलों में हल्की सिंचाई एवं गंधक के घोल का स्प्रे करें. धुआं करने से खेतों में तापमान बढ़ जाता है जिससे फसलों को राहत मिलती है और फसलों पर प्रभाव नहीं पड़ता है. हल्की सिंचाई करने से भी खेत का तापमान बढ़ जाता है जिससे काफी राहत मिलती है. यदि फसलों पर एक लीटर गंधक का रसायन डालकर फसलों पर स्प्रे किया जाता है तब भी फसल को पाले से राहत मिलती है. ठंड के मौसम में फसलों को जो नुकसान हो रहा है उससे किसानों की आमदनी पर भी सीधा असर पड़ना लाजमी है.
हवा की हल्की धीमी रफ्तार से बढ़ी ठंड
बर्फीली हवा की रफ्तार पिछले कुछ दिनों से धीमी पड़ रही है. सर्दी में हवा का असर कम होते ही शहर के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सुबह के समय आसमान साफ रहा है. वहीं पिछले दिनों के मुकाबले ठंड थोड़ी कम हुई है. हालाँकि, शाम को ठंड बढ़ जाने से कंपकपा देने वाली सर्दी हो जाती है. लोग पूरी रात गर्म कपड़ो में ही नजर आते हैं.
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