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अगस्त में करें हरे प्याज की खेती, जानें इसमें लगने वाले रोग व बचाव के प्रमुख उपाय

उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में हरे प्याज की खेती होती है. आज हम आपको इस प्याज में लगने वाले रोग व रोकथाम के बारे में बताने जा रहे हैं.

मुकुल कुमार
हरे प्याज में लगने वाले रोग व समाधान
हरे प्याज में लगने वाले रोग व समाधान

हरा प्याज भारत में काफी लोकप्रिय सब्जियों की श्रेणी में आता है. जिसकी खेती अगस्त में शुरू की जा सकती है. इस प्याज में हरी पत्तियां होती हैं. यह प्याज तेजी से बढ़ते हैं और इन्हें उगाना आसान होता है. हरा प्याज भी अन्य पौधे की तरह, विभिन्न रोगों का शिकार हो सकते हैं. तो आइए हरे प्याज में लगने वाले रोग व उनसे बचाव के बारे में विस्तार रूप से जानें.

ये है हरे प्याज में लगने वाले रोगों की सूची

ओनिऑन डाउनी मिल्ड्यू: यह रोग पेरोनोस्पोरा डिस्ट्रक्टर फंगस के कारण होता है. इससे पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और मुरझा जाती हैं. पत्तियों के नीचे की तरफ बैंगनी-भूरे रंग का सांचा विकसित हो सकता है.

ओनिऑन व्हाइट रोट: हरे प्याज में यह बीमारी स्क्लेरोटियम सेपिवोरम के कारण होती है. यह जड़ों और बल्बों को संक्रमित करता है, जिससे वे सड़ जाते हैं और सफेद हो जाते हैं. यह रोग मिट्टी में कई वर्षों तक बना रह सकता है.

बोट्रीटिस लीफ ब्लाइट: इसे प्याज ब्लास्ट के नाम से भी जाना जाता है. यह रोग बोट्रीटिस स्क्वामोसा फंगस के कारण होता है. इससे पत्तियों पर पानी से लथपथ घाव हो जाते हैं, जो अंत में भूरे रंग के हो जाते हैं और सूख जाते हैं.

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गुलाबी जड़: गुलाबी जड़ फोमा टेरेस्ट्रिस फंगस के कारण होती है. यह जड़ों को प्रभावित करता है, जिससे वे गुलाबी या लाल हो जाती हैं और सूज जाती हैं. संक्रमित जड़ें अंततः सड़ सकती हैं.

स्मट: स्मट यूरोसिस्टिस सेपुले नामक फंगस के कारण होता है. इसके परिणामस्वरूप प्याज के पौधों की पत्तियों और बल्बों पर काले, लम्बे बीजाणु समूह बन जाते हैं.

बैंगनी धब्बा: बैंगनी धब्बा अल्टरनेरिया पोर्री फंगस के कारण होता है. इससे पत्तियों पर बैंगनी-भूरे रंग के घाव हो जाते हैं और गंभीर मामलों में पत्तियां मुरझा सकती हैं.

ऐसे करें हरे प्याज में लगने वाले रोगों की रोकथाम

उन क्षेत्रों में प्याज लगाने से बचें जहां हाल ही में अन्य एलियम फसलें (जैसे, लहसुन, लीक) उगाई गई थीं.

संक्रमित पौधों के मलबे को ठीक से हटाकर स्वच्छता बनाएं रखें.

अत्यधिक पानी देने से बचें, क्योंकि ज्यादा नमी फंगल रोगों के विकास को बढ़ावा दे सकती है.

यदि जरूरी हो तो निर्देशों और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सही कवकनाशी का उपयोग करें.

यदि आपको अपने हरे प्याज में बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें आगे फैलने और नुकसान से बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई करना आवश्यक है. स्थानीय कृषि कार्यालय या पादप रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने से भी आपके क्षेत्र में रोग प्रबंधन के लिए मार्गदर्शन मिल सकता है.

English Summary: Cultivate green onion in August, know the major diseases and preventive measures Published on: 24 July 2023, 05:32 PM IST

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