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कचरे से बनी जैविक खाद से तैयार हो रही है फसल

आजकल घरों से निकलने वाला कचरा खेती के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। घरों से निकलने वाले कचरे से बेस्ट क्वालिटी की खाद बनाई जा रही है। इस खाद को किसानों तक बेचने के लिए नगर पालिका के अधिकारियों ने काफी बेहतर तरीके को खोज निकाला है। एसएलआरएम सेंटर में लगी करीब 1 एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती में खाद का इस्तेमाल किया जाता है। अब नतीजा यह निकला है कि तीन महीने बाद यहां पर फसल भी लहलाने लगी है। इसके जरिए किसान भी इस खाद के प्रति रूचि दिखाने में लगे हैं।

किशन

आजकल घरों से निकलने वाला कचरा खेती के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। घरों से निकलने वाले कचरे से बेस्ट क्वालिटी की खाद बनाई जा रही है। इस खाद को किसानों तक बेचने के लिए नगर पालिका के अधिकारियों ने काफी बेहतर तरीके को खोज निकाला है। एसएलआरएम सेंटर में लगी करीब 1 एकड़ जमीन पर सब्जी की खेती में खाद का इस्तेमाल किया जाता है। अब नतीजा यह निकला है कि तीन महीने बाद यहां पर फसल भी लहलाने लगी है। इसके जरिए किसान भी इस खाद के प्रति रूचि दिखाने में लगे हैं।

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प्रशासन अपना रहा है मॉडल

इस तरह खाद से होने वाली खेती को देखते हुए नगरीय प्रशासन इस तरह के मॉडल को प्रदेश में अपनाने की तैयारी में लगा है। पूरे शहर में यहां डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हो रहा है। घरों से निकलने वाले कचरे से खाद बनाने में और बेचने के लिए नागरीय प्रशासन ने योजना तैयार की है। इसके अलावा कईं अन्य निकायों में डोर -टू डोर कचरा कलेक्शन का काम पूरी तरह से नहीं हो रहा है. वही. अकलतरा में एसएलआरएम सेंटर में सब्जी को उगाने का काम किया जा रहा है। यहां पर सब्जियों की देखरेख का काम घर-घर जाकर कचरे उठाने वाली महिला समूह द्वारा किया जा रहा है।

एक एकड़ सरकारी जमीन पर हो रही खेती

घरों से निकलने वाले गीले और सूखे कचरे को यहां अलग-अलग कर गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाई जा रही है। अब क्षेत्र के लोगों और किसानों को जैविक खाद का उपयोग बताने के लिए प्रयोग के तौर पर लगे 1 एकड़ सरकारी जमीन को समतल कराने के बाद वहां पर छोटी-छोटी क्यांरियां बनाकर जैविक खाद को तैयार किया गया है। उसके बाद इसमें टमाटर, पत्ता गोभी, लाल भाजी, मेथी, बैंगन, बरबट्टी, करेला, प्याज समेत कई तरह की अन्य सब्जियां भी उगने लगी है। तीन महीने के समय में यहां सब्जियां तैयार होकर लहलाने लगी है।

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आगे मोंगरा समेत अन्य फूलों की खेती की है योजना

कम्पोस्ट खाद की मदद से प्राकृतिक तरीके से सब्जी व अन्य पौधों को उगा सकते है। इसमें हमें हरी भरी और बिना रासायनिक खाद के आसानी से सब्जी मिल सकेगी। पर्यावरण सुरक्षित होने के साथ स्वास्थय में कोई हानि नहीं होगी। आने वाले समय में सब्जियों को बेचकर आमदनी हो सकती है और साथ ही महिला समूह की भी आय में बढोतरी होगी। एसएलआरएम सेंटर के दूसरी ओर खाली पड़ी शासकीय भूमि में ब्राउण्डी वॉल या फेसिंग तार को घेरकर मोंगरा व अन्य फूलों की खेती करने की योजना को बनाया है। जल्द ही यह काम शुरू होगा। इससे किसानों को काफी फायदा होने की उम्मीद है।

English Summary: Crop harvested by organic manure made from waste Published on: 21 January 2019, 02:39 PM IST

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