धनिया एक ऐसा औषधीय पौधा है जो हर किसी के घर में पाया जाता है. इसकी मौजूदगी से खाने में स्वाद के साथ-साथ रौनक को भी दर्शाती है. धनिया पाउडर हो या फिर हरे धनिए की पत्तियां खाना बनाने में हर जगह लाई जाती है. हरे धनिए की चटनी को तो हर कोई पसंद करता है इसके अलावा धनिए कई औषधीय गुण भी होते हैं. खाने में अगर हरे धनिए की पत्तियां काट का ऊपर से डाल दी जाए तो खाने की खुशबू और स्वाद दोनों ही शानदार हो जाते हैं. लेकिन धनिए का काम केवल आपके खाने को स्वाद और सुगंध देना ही नहीं है. इसमें मौजूद कैरोटीन, कैल्शियम, मिनरल्स, आयरन, पोटेशियम, विटामिन सी, फास्फोरस, आदि जैसे तत्व आपकी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद हैं. महंगाई के इस दौर में धनिए की मांग के साथ-साथ साथ इसका भाव भी बढ़ रहा है. इसलिए इस बहुमूल्य और गुणकारी फसल की खेती करने से बहुत आर्थिक फायदे हैं. भारत और विश्वभर में धनिए की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती नजर आ रही है. इतना ही नहीं, भारत धनिए का मुख्य निर्यातक देश भी है. इसलिए किसान अगर सही तरीके से धनिए की खेती करें तो विदेशी मुद्रा में भी कमाई हो सकती है. और धनिए की खेती की खास बात यह है कि आप इसे 12 महीने उगा सकते हैं.
धनिया की खेती सबसे ज्यादा कहां होती है? (Where the production of coriander does takes place the most)
दुनियाभर में भारत ही एक ऐसा देश है जहां धनिया की खेती की 80% उपज पाई जाती है. वैसे तो भारत में सभी जगह धनिए की खेती की जाती है लेकिन सबसे ज्यादा धनिया उत्पादन वाले राज्यों की बात करें तो इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु आते हैं. मध्य प्रदेश में तो धनिए की खेती लगभग डेढ़ लाख हैक्टेयर में होती है जिससे 2 लाख टन का धनिए का उत्पादन किया जाता है.
धनिए की उन्नत खेती के लिए जलवायु और मिट्टी (Best climate and soil for Coriander farming)
धनिया की खेती के लिए ठंडा और शुष्क वातावरण सबसे ज्यादा उचित रहता है. बीजों के विकास के लिए 25 से 26 सेंटीग्रेड तक का तापमान अनुकूल सबसे अनुकूल है. धनिया एक शीतोष्ण जलवायु वाली फसल होती है. जब इस फसल पर फूल और दानों का बनना शुरू हो जाता है तब पाला रहित मौसम की जरूरत होती है. धनिया के बीज की बेहतर गुणवत्ता के लिए तेज़ धूप, ठंडी जलवायु, समुद्र से ज्यादा ऊंचाई वाली भूमि ठीक रहती है. धनिए की उत्तम सिंचित फसल के लिए उर्वरा शक्ति और अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उचित है. वहीं दूसरी तरफ काली भारी मिट्टी में भी धनिए की सिंचित फसल उगाई जा सकती है. धनिये की फसल के लिए क्षारीय और लवणीय मिट्टी सहीं नहीं है.
धनिया से स्वास्थय लाभ (Health Benefits of Coriander)
पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है- धनिया हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए काफी कारगर है. इसका सेवन करने से पेट में हो रही परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और साथ ही पाचन शक्ति को भी मजबूत बनी रहती है. अगर आपके पेट में दर्द हो रहा है तो पानी में धनिया पाउडर मिलाकर पीने से राहत मिल सकते हैं.
आंखों की रोशनी के लिए फायदेमंद- आंखों की रोशनी बढ़ाने में विटामिन-ए बहुत जरूरी है. और धनिए में विटामिन-ए मौजूद होता है. इसीलिए जो लोग नियमित रूप से धनिए का खाने में इस्तेमाल करते हैं उनकी आंखों की रोशनी सलामत रहने के साथ-साथ बेहतर भी रहती है.
एनीमिया से मिलती है मुक्ति- आपके शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाने के लिए धनिया शानदार काम करता है. इसमें मौजूद आयरन, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन-ए, विटामिन-सी और मिनरल जैसे तत्व हमारे शरीर में खून की कमी नहीं होने देते है. इतना ही नहीं, धनिए का सेवन कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं से भी दूर रखता है.
कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने में फायदेमंद- धनिए का काम केवल खाने की रौनक बढ़ाना नहीं बल्कि आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए भी लाभकारी है. धनिए में भरपूर मात्रा में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ नहीं सकता और इसीलिए जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल की समस्या है वह धनिया के बीजों को बॉयल करके इसके पानी का सेवन करें.
स्वस्थ किडनी के लिए जरूरी- धनिए के सदाबहार सेवन से हमारे शरीर के कई अंग स्वस्थ रहते हैं. जिन लोगों को किडनी की समस्या रहती है उनके लिए भी धनिए का उपयोग फायदेमंद साबित हुआ है.
डायबिटीज में दिलाए आराम- हरे भरे धनिए के सेवन से आप अपने शुगर लेवल को बढ़ने से रोक सकते हैं. इस रामबाण जड़ी-बूटी से डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को अपने ब्लड में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित करने में मदद मिलती है.
उपज और कमाई (Production and earning)
ज्यादातर किसान धनिए की खेती कर उसके मसालों को बाजार में बेचते हैं. धनिया के मसालों के अलावा हरे धनिए को बाजार में बेचने से भी बेहतरीन मुनाफा कमाया जा सकता है. अगर आप 2 बीघा जमीन पर धनिए की खेती करते हैं तो हर साल लगभग ₹300,000 (3 लाख) का मुनाफा कमा सकते हैं. धनिया बुवाई के बाद करीब 40 से 50 दिनों में बेचने लायक हो जाता है. बाजार के भाव से धनिया बेचकर आप हर दिन 2 हजार रुपए तक कमा सकते हैं. 1 एकड़ जमीन पर 40 हजार की लागत के बाद अगर वैज्ञानिक तरीके से धनिए की खेती की जाए तो इसकी कटाई करने से 50 क्विंटल तक उत्पादन आराम से मिल जाता है. बाजार के भाव के हिसाब से आपको एक क्विंटल पर हजार रुपए मिल जाते हैं. 40,000 की लागत के बाद आपको 1 एकड़ जमीन पर धनिया की खेती करने से ही 1 लाख तक का शुद्ध मुनाफा मिता है. आप जैसे-जैसे मुनाफा कमाते जाएं वैसे वैसे इसका क्षेत्रफल बढ़ाते जाएं.
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