Green Chilli Farming: हरी मिर्च की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है, क्योंकि इसकी फसल से किसान कम समय में अधिक कमाई कर सकते हैं. हरी मिर्च सेहत के लिए काफी लाभदायक होती है, इसमें विटामिन ए, सी, फॉस्फोरस और कैल्शियम के साथ-साथ कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं. बता दें, हरी मिर्च में कैप्सेइसिन रसायन मौजूद होता है, जिससे इसमें तीखापन बना रहता है. ऐसे में अगर किसान अक्टूबर के महीने में हरी मिर्च की उन्नत किस्मों की खेती करते हैं, तो कम समय में ही अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं.
कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम आपको हरी मिर्च की 5 उन्नत किस्मों की जानकारी देने जा रहे हैं, जिनकी अक्टूबर में खेती करके आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं.
पंत चिली-1 किस्म
अक्टूबर में हरी मिर्च की खेती करके अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए आप पंत चिली-1 किस्म की बुवाई कर सकते हैं. मिर्च की यह किस्म अपने स्वाद और बंपर पैदावार के चलते किसानों के बीच काफी लोकप्रिय है. बुवाई के लगभग 60 से 65 दिनों के बाद इस किस्म की मिर्च तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. अगर किसान हरी मिर्च की पंत चिली-1 किस्म की एक हेक्टेयर में बुवाई करते हैं, तो लगभग 7.5 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. मिर्च की इस किस्म को खास इसकी मोजेक और लीफ कर्ल वायरस से लड़ने की प्रतिरोधी क्षमता बनाती है.
ये भी पढ़ें: भिंडी की इन 4 उन्नत किस्मों की करें बुवाई, 45 दिनों में मिलेगी बढ़िया पैदावार!
पंजाब लाल किस्म
अक्टूबर के महीने में हरी मिर्च की फसल से बंपर पैदावार प्राप्त करने के लिए किसान पंजाब लाल किस्म की बुवाई कर सकते हैं. मिर्च की इस किस्म के पौधे बोने और गहरी हरी पत्तियों वाले होते हैं. इसके पौधे में आने वाली मिर्च का आकार मध्यम रहता है. मिर्च की इस किस्म के पौधे में लाल रंग की मिर्च लगती है. बुवाई के लगभग 120 से 180 दिनों के बाद इसकी फसल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. अगर किसान एक हेक्टेयर में मिर्च की पंजाब लाल किस्म की बुवाई करते हैं, तो इससे लगभग 100 से 120 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
काशी अर्ली किस्म
हरी मिर्च की काशी अर्ली किस्म की खेती से किसानों को तगड़ा मुनाफा हो सकता है, इसकी फसल से अच्छा खासा उत्पादन प्राप्त होता है. किसान अक्टूबर में इस किस्म की बुवाई एक हेक्टेयर में करके लगभग 300 से 350 क्विंटल तक का पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म के पौधे की ऊंचाई लगभग 70 से 75 सेंटीमीटर तक रहती है और इसमें छोटी गांठ आती है. काशी अर्ली किस्म की बुवाई के लगभग 40 से 45 दिनों के अंदर इसकी तुड़ाई कर सकते हैं.
जवाहर मिर्च-148 किस्म
अक्टूबर के महीने में किसान हरी मिर्च की खेती से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए इसकी जवाहर मिर्च 148 किस्म का चयन कर सकते हैं. इस किस्म की मिर्च सबसे जल्द पकने वाली होती है और यह खाने में खोड़ी कम तीखी होती है. अगर किसान एक हेक्टेयर क्षेत्र में इस मिर्च की खेती करते हैं, तो इससे लगभग 85 से 100 क्विंटल तक हरी मिर्च का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. वहीं इन्हें सुखा तोड़ा जाए तो प्रति हेक्टेयर से इस मिर्च का 18 से 25 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हो सकता है.
पूसा ज्वाला किस्म
हरी मिर्च की पूसा ज्वाला भी इसकी सबसे उन्न्त किस्मों में से एक है. इसकी कीट और मकोड़ा की प्रतिरोधी क्षमता इसे किसानों के बीच लोकप्रिय बनाती है. किसान इस किस्म की हरी मिर्च की खेती करके प्रति एकड़ भूमि से लगभग 34 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. बुवाई के लगभग 130 से 150 दिनों में हरी मिर्च की यह किस्म पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की मिर्च हल्के हरे रंग की होती है और इसके पौधे बौने और झाड़ीनुमा होते हैं.
Share your comments