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केंद्र सरकार 12 राज्यों में करेगी डिजिटल फसल सर्वेक्षण, खेत की उत्पादका की होगी जांच

केंद्र ने फसल की खेती पर डेटा का एक विश्वसनीय और सत्यापित स्रोत स्थापित करने के लिए खरीफ सीजन के दौरान 12 राज्यों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण ( डीसीएस ) नामक एक पायलट परियोजना शुरू की है.

रवींद्र यादव
Digital Crop Survey
Digital Crop Survey

केंद्र सरकार ने खेतो की फसल के डेटा का एक सत्यापित करने के लिए देश के 12 राज्यों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण नाम से एक पायलट परियोजना शुरू करने जा रही है,  इसके साथ ही यह जलवायु परिवर्तन के प्रति कुछ फसलों की संवेदनशीलता का भी अध्ययन करेंगे.

इस डिजिटल फसल सर्वेक्षण (डीसीएस) एप्लिकेशन को एक ओपन-सोर्स, ओपन-स्टैंडर्ड और इंटर-ऑपरेबल पब्लिक गुड के रूप में विकसित किया गया है, जो हमारी खेत की जमीन की सटीक स्थिति सुनिश्चित करने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली ( जीआईएस ) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) जैसी प्रौद्योगिकियों के साथ भू-संदर्भित मानचित्रों का उपयोग करेगा.

इस परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य फसल क्षेत्रों का सही अनुमान और किसानों को हो रही समस्याओं के समाधान के लिए बोई गई फसल का डेटा इकट्ठा करेगा. जो हमारी जमीन का एक विश्वसनीय और सत्यापित स्रोत होगा. इस डाटा के आधार पर देश में गेहूं और चावल की आपूर्ति में कमी की मौजूदा चुनौतियों को सही करने का फैसला लेने में आसानी होगी. जैसे कि देश के किन क्षेत्रों में गेहूं का उत्पादन अच्छ है और कैसे इसे और बेहतर बनाया जा सकता है.

इन राज्यों में होगा सर्वेक्षण

डीसीएस पायलट के लिए चयनित राज्यों में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, ओडिशा और असम शामिल हैं. इन राज्यों को डीसीएस के लिए पूर्व-अपेक्षित मानदंडों के आधार पर चुना गया है. इसमें गांव के मानचित्रों का भू-संदर्भ और स्वामित्व सीमा के साथ खेतों का डिजीटल रिकॉर्ड भी शामिल किया जाएगा.

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जलवायु परिवर्तन का असर

जलवायु परिवर्तन का फसलों की पैदावार पर प्रभाव पड़ रहा है. देश में चावल, गेहूं, मक्का और सरसों का उत्पादन कम होता जा रहा है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने  जलवायु परिवर्तन को लेकर कृषि में नवाचार की बात की है.

इस प्रक्रिया में सरकार जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल ( आईपीसीसी ) के ढांचे के आधार पर , योजना बना रहा है. इस परियोजना के तहत 'बहुत उच्च' जोखिम श्रेणी में 109 जिले और 'उच्च' जोखिम श्रेणी में 201 जिलों की पहचान की गई है. इन कमजोर क्षेत्रों में फसल की पैदावार पर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए सरकार जलवायु-लचीली कृषि पद्धतियों की आवश्यकता पर जोर देने का विचार कर रही है.

English Summary: Central government will conduct digital crop survey in 12 states, farm production will be investigated Published on: 03 August 2023, 03:45 PM IST

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