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मध्यप्रदेश के इस जिले में होगी काजू की खेती

मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बेहद ही अच्छी खबर है. मध्यप्रदेश के अब कई जिलों में काजू की खेती शुरू हो गई है. केंद्र सरकार की मदद के सहारे इसकी शुरूआत मध्यप्रदेश के चार जिलों से हुई है. काजू के डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे चार जिलों में लगा दिए गए है. जिन जगहों पर काजू की खेती शुरू हुई है वही के जलवायु के अनुसार इसको उपयुक्त माना गया है.

किशन

मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बेहद ही अच्छी खबर है. मध्यप्रदेश के अब कई जिलों में काजू की खेती शुरू हो गई है. केंद्र सरकार की मदद के सहारे इसकी शुरूआत मध्यप्रदेश के चार जिलों से हुई है. काजू के डेढ़ लाख से ज्यादा पौधे चार जिलों में लगा दिए गए है. जिन जगहों पर काजू की खेती शुरू हुई है वही के जलवायु के अनुसार इसको उपयुक्त माना गया है. बैतूल जिले में 1 हजार हेक्टेयर, छिंदवाड़ा में 30 हेक्टेयर, बालाघाट में 200 हेक्टेयर, सिवनी में 200 हेक्टेयर में काजू के पौधे लगाए जा रहे है.

काजू क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम हुआ शुरू

केरल के कोच्चि में स्थित काजू और कोको विकास निदेशालय ने मध्यप्रदेश के बैतूल, छिंदवाड़ा, बालाघाट और सिवनी जिले की जलावायु को काजू की खेती के लिए उपयुक्त पाया गया है. दरअसल इन सभी जिलों में राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम योजना के तहत रफ्तार में इस वर्ष काजू क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में लागू कर दिया गया है. मध्यप्रदेश के जिन चार जिलों में काजू की खेती शुरू की गई है वहां पर सभी वर्ग के किसानों ने कुल 1430 हेक्टेयर में काजू की खेती करने का कार्य किया है.

cashew

लाखों पौधे लगेंगे

मध्यप्रदेश के बैतूल, बालाघाट, सिवनी, बैतूल जिलों में काजू की खेती हो रही है. यहां पर किसानों के द्वारा रोपे गए सभी पौधों के अतिरिक्त एक लाख 26 हजार पौधे और उपलब्ध करवाएगी. किसानों ने पहले फेज में अपना कार्य पूरा कर लिया है अब दूसरे फेज में वह पौधों को लगाने का कार्य करेंगे. इन जिलों में जनवरी से ही पौधों को लगाने का कार्य शुरू हो गए थे. बड़े पैमाने पर काजू की खेती बैतूल जिले में हो रही है. शुरू में चार हेक्टेयर में यह लगाए गए थे. अब करीब एक हजार हेक्टेयर में वहां खेती हो रही है.

होंगे कई फायदें

काजू के पौधे दो साल में थोड़े बहुत फल देने लगते है, लेकिन व्यवसायिक उत्पादन में छह से सात साल लग जाते है. एक काजू के पौधे से औसतन 15 से 20 किलो काजू का उत्पादन होता है. यह सवा सौ रूपये किलो की तेजी से ही बिकता है. यहां पर काजू के प्रसंस्करण के लिए छोटी प्रोसेसिंग यूनिटों को तैयार किया गया है.

English Summary: Cashew farming will be beneficial for farmers in these four districts of Madhya Pradesh Published on: 06 November 2019, 03:57 PM IST

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