kala Gehu: विगत वर्ष रबी के सीजन में इंदौर जिले के साथ ही मालवा के नीमच क्षेत्र के कुछ किसानों ने काले गेहूं की बुवाई की थी. क्षेत्र में पहली बार बोए गए इस काले गेहूं (Black Wheat) को लेकर किसानों को जिज्ञासा थी कि उत्पादन कैसा रहेगा. लेकिन काले गेहूं के उत्पादन से यह स्पष्ट हो गया कि इसका उत्पादन सामान्य गेहूं की तरह ही हो रहा है. ग्राम कानाखेड़ी जिला नीमच के प्रगतिशील किसान श्री गोविन्द नागदा के मुताबिक, नाबी रिसर्च सेंटर, मोहाली से अपने एक मित्र की मदद से उन्होने काले गेहूं का 40 किलो बीज प्राप्त किया था जिसे तीन बीघा जमीन में बोया था.
गेहूं की कटाई और सफाई के बाद जब इस गेहूं को तौला गया तो इसका वजन 36 क्विंटल निकला. यह उत्पादन सामान्य गेहूं की तरह ही रहा. सामान्य गेहूं का भी औसतन एक बीघा में 10 -12 क्विंटल उत्पादन होता है.
नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (एनएबीआई) मोहाली द्वारा 7 साल की रिसर्च के बाद काले गेहूं का पेटेंट करा लिया जा चुका है. एनएबीआई द्वारा इस गेंहू का नाम ‘नाबी एमजी’ दिया है. आपको बता दें काले, नीले और जमुनी रंग वाले ये गेहूं आम गेहूं से कई गुना ज्यादा पौष्टिक होते हैं. ब्लैक व्हीट तनाव, मोटापा, कैंसर, डायबीटीज और दिल से जुडी बीमारियों की रोकथाम में मददगार साबित होगी. बता दें डॉ. मोनिका गर्ग के नेतृत्व में यह रिसर्च मोहाली में 2010 से की जा रही थी.
बीमारियों की करता है रोकथाम
आम गेहूं में जहां एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पास प्रति मिलियन होती है, वहीं ब्लैक व्हीट मे 40 से 140 पास प्रति मिलियन पायी जाती है. एंथोसाइनिन ब्लू बेरी जैसे फलों की तरह सेहत लाभ प्रदान करता है. यह शरीर से फ्री रेडिकल्स निकालकर हार्ट, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों की रोकथाम करता है. इसमें जिंक की मात्रा भी अधिक है.
काला गेहूं की विशेषताएं (Characteristics of black wheat)
काला गेहूं, साधारण गेहूं के मुक़ाबले बहुत अधिक पौष्टिक होता है तथा गुणवक्ता के मामले में इसे Blueberries नामक फल के बराबर रखा गया है. आइये जानते है इसके सेवन से होने वाले फायदे-
तनाव (Stress)
तनाव से हर एक व्यक्ति पीड़ित है या इसका कही ना कही सामना करना पड़ रहा है. इसे दूर करने के लिए लोग तरह-तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं, जिसका परिणाम यह होता है कि कुछ समय के बाद ये दवाइयां शरीर को नुक्सान पहुचाने लगती है। यहां काला गेहूं तनाव जैसी इस भयानक बीमारी को समाप्त करने के लिए एक आशा की किरण लेकर आया है. शोध से यह पता चला है की तनाव से पीड़ित व्यक्ति पर इसके प्रयोग के बहुत ही सकारात्मक परिणाम पाए गए हैं.
मोटापा (Cholestrol)
शोध में मोटापे को कंट्रोल करने में भी काले गेहूं का बहुत ही उत्साहजनक परिणाम मिले हैं.
कैंसर (Cancer)
कैंसर एक ऐसा रोग है जिसका अभी तक कोई स्थाई ईलाज उपलब्ध नहीं हो पाया है, इस समय पर काला गेहूं उन सभी लोगों के लिए खाद्य खुराक के रूप में बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है जब इस रोग पर नियंत्रण पाने में दवाएं विफल साबित हो रही हैं.
मधुमेह या डायबीटीज (Diabetes)
यह एक ऐसा रोग है जो दुनिया के सभी प्रगतिशील देशो के साथ भारत व अन्य देशों में अपने पाव पसार चुका है और विडम्बना यह है कि बहुत सी महंगी दवायों के बावजुद अभी तक इसका स्थायी ईलाज उपलब्ध नहीं है, यहाँ भी रिसर्च में काले गेहूं प्रयोग के पीड़ित इंसान पर सकारात्मक परिणाम सामने आयें हैं.
हृदय रोग (Heart Problem)
हृदय संबधी अधिक मात्रा में बढ़ रहे रोग आज की हमारी जीवन शैली का ही परिणाम हैं, मॉडर्न जिन्दगी के नाम पर हम अपने स्वस्थ शरीर रूपी पूंजी को खोते जा रहे है. इसान महंगे ईलाज से अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने का संघर्ष कर रहा है जो कि बहुत खर्च के बावजूद स्वस्थ जीवन की गारंटी नहीं देता. हृदय रोगियों पर किए शोध में काले गेहूं के मामले में बहुत सार्थक परिणाम सामने आयें हैं.
Mähäñdër Gödärä
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