American wheat seeds: खेती के दौरान किसान वैसे तो सभी चीजों का ध्यान रखते हैं. लेकिन, कई बार बीजों की गुणवत्ता पर ध्यान देना भूल जाते है. जिसकी वजह से उन्हें अच्छा उत्पादन नहीं मिल पाता. बात अगर गेहूं की फसल की करें तो अमूमन अच्छी गुणवत्ता वाला बीज 30 से 40 क्विंटल तक की पैदावर देता है. लेकिन, क्या हो अगर 1 किलो बीज में 6 गुना तक उत्पादन मिल जाए. जी हां, महाराष्ट्र के रहने वाले एक किसान ने यह संभव कर दिखाया है. किसान ने मात्र 2 किलो बीज से 120 क्विंटल की पैदावर कर ली. जिसने भी महाराष्ट्र के इस किसान की कहनी सुनी, वह हैरान रह गया. क्योंकि, सुनने में यह असंभव सा लगता है. लेकिन, यह कारनामा विदेशी बीज से संभव हो पाया है.
ये कहनी है महाराष्ट्र के जालना जिले के रहने वाले किसान कूलाल लाहोटी की. जिन्होंने अमेरिकी बीज के जरिए 120 क्विंटल की पैदावर कर ली. सरकारी एमएसपी के मुताबिक, बाजार में इस पैदावार का मूल्य 2.50 लाख रुपये है. इस हिसाब से दो किलो बीज ने किसान की जिंदगी पूरी तरब बदल दी. दरअसल, किसान कूलाल लाहोटी को गेहूं का ये बीज उनके एक रिश्तेदार ने दिया था. जिन्होंने, अमेरिकी से इसे मंगवाया था. जिसके बाद उन्होंने गेहूं के इस बीज को बोया और उनकी पैदावार दोगुनी हो गई. अब क्षेत्र के अन्य किसान भी इस बीज को हासिल करना चाहते हैं.
अमेरिकी बीज से मिली बंपर पैदावार
सामान्यतः गेहूं की बालियां पांच से छह इंच लम्बी होती हैं. हालांकि, कूलाल लाहोटी ने जिस अमेरिकी बीज को अपने खेत में बोया था, उसकी बालियां 9 से 12 इंच लंबी हैं. लाहोटी ने बताया कि उनसे ये बीज मध्य प्रदेश में अपने एक रिश्तेदार से लिए थे. यहां, दिलचस्प बात ये है की एक बाली में 100 से 110 गेहूं के दाने निकल रहे हैं. उन्होंने बताया कि अमेरिकी बीज से उन्हें प्रति एकड़ 30 क्विंटल की पैदावार मिली है.
जालना जिले के निवासी कूलाल लाहोटी के पास 14 एकड़ कृषि योग्य भूमि है. वह पिछले साल अपने रिश्तेदार से अमेरिकन किस्म के दो किलो गेहूं के बीज लाए थे. जिसके बाद उन्होंने आधा एकड़ क्षेत्र में संकेतिक रूप से इसकी खेती की और 15 क्विंटल 85 किलोग्राम गेहूं का उत्पादन किया. इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ और उन्होंने बड़े पैमाने पर इसकी खेती की. लाहोटी ने पिछले साल एक ही बिज का इस्तेमाल करके चार एकड़ जमीन पर गेहूं की खेती की. टोकन यंत्र की सहायता से उन्होंने गेहूं की बीच बोए और आज उनकी फसल लहरा रही है.
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एक बाली से निकले 100 से 110 दाने
लाहोटी ने बताया कि गेहूं की बाली की लंबाई 9 से 12 इंच के बीच है. हर बाली में 100 से 110 दाने निकल रहे हैं. उन्होंने एक बार गेहूं पर कीटनाशक का छिड़काया गया. साथ ही, उस पर दो-तीन बार डीकंपोजर का भी छिड़काव किया. इस गेहूं को सामान्य गेहूं की तुलना में 2-3 गुना अधिक पानी की आवश्यकता है. इसलिए, फसल को छह-सात बार पानी दिया गया. जिसका परिणाम आज उनके सामने है.
रिश्तेदार से मिला था बीज
लाहोटी ने बताया कि वह मजदूरी की तलाश में एक बार मध्य प्रदेश में अपने एक रिश्तेदार के पास गए थे. वहां, उनके रिश्तेदार ने उन्हें दो किलो गेहूं के बीज दिए थे. वापस लौटने के बाद उन्होंने आधा एकड़ जमीन पर अमेरिकी बीज को बोया और कुछ समय बाद उन्हें 15 क्विंटल से अधिक की उपज मिली. गेहूं की अच्छी पैदावार को देखते हुए उन्होंने चार एकड़ में गेहूं की बुवाई की और उन्हें बंपर उत्पादन मिला. उन्होंने बताया कि इस वर्ष भी उन्होंने चार एकड़ में अमेरिकी बीज की बुवाई की है. जिससे उन्हें 100 से 110 क्विंटल गेहूं की पैदावार मिलने की उम्मीद है.
बता दें कि इस वर्ष केंद्र सरकार ने गेहूं के लिए एमएसपी कीमत को 2125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की है. अगर किसान 110 से 120 क्विंटल उपज लेता है तो उसे अच्छी कमाई हो सकती है. 120 क्विंटल गेहूं के लिए कीमत करीब 2.50 लाख रुपये हो सकती है. वर्तमान समय में देश में गेहूं की औसत उपज प्रति एकड़ लगभग 16-17 क्विंटल है. इसलिए इस अमेरिकी बीज के कारण उपज लगभग दोगुनी हो सकती है.
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