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6 हजार रुपये का लाभ, फिलहाल इन राज्यों के किसानों को नहीं मिलेगा

देश के छोटे और सीमांत किसानों को आय संबंधी सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने अपने अंतरिम बजट में 75 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावित बजट से 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' (पीएम-किसान) नामक योजना का शुरुआत किया है.

विवेक कुमार राय

देश के छोटे और सीमांत किसानों को आय संबंधी सहायता देने के लिए केंद्र सरकार ने अपने अंतरिम बजट में 75 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावित बजट से 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' (पीएम-किसान) नामक योजना का शुरुआत किया है. लेकिन अब 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना राजनीति की भेंट चढ़ती दिख रही है. ऐसे में इस योजना का फायदा फिलहाल देश के कई राज्यों के किसानों को नहीं मिल सकेगा. क्योंकि  सरकारें इसमें अपना राजनीतिक फायदा ढ़ूढ़ रही है.

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, ज्यादातर कांग्रेस शासित राज्यों एवं पश्चिम बंगाल बंगाल जैसे राज्यों की ओर से किसानों के नाम भेजने की रफ्तार काफी कम है. पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) ने अब तक राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के एक भी किसानों को योजना की लाभार्थियों की लिस्ट में शामिल नहीं किया है, जबकि छत्तीसगढ़ के एक और पंजाब के 5 हजार किसानों को शामिल किया गया है. ऐसे में इन राज्यों के किसानों को निराशा हाथ लग सकती है. यानी,  देश में कुछ किसान दोहरे फायदे में रहने वाले हैं तो कुछ राज्यों के ज्यादातर किसान केंद्र की इस योजना से वंचित रह सकते हैं.

अगर भाजपा शासित राज्यों की बात करें, तो  इसमें 2.25 लाख के साथ उत्तर प्रदेश सबसे आगे हैं, जबकि दुसरे स्थान पर गुजरात, तीसरे पर तमिलनाडु और चौथे स्थान पर महाराष्ट्र है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को योजना का उद्घाटन करेंगे. उस दिन करीब 55 लाख किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये की पहली किस्त चली जाएगी. योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक की कृषि भूमि वाले करीब 12 करोड़ किसानों को हर साल तीन किस्तों में छह हजार रुपये दिए जाएंगे.

योजना का लाभ

'प्रधानमंत्री किसान योजना' के तहत देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक जमीन है, उन किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपये दी जाएगी. यह राशि 3 किश्त में किसानों के बैंक खातें में सीधे जाएगी.


किन किसानों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

ऐसे किसान जिनके नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में दर्ज हैं, उन्हें ही सालाना 6 हजार नकद मिलेगे. इस तारीख के बाद अगर जमीन की खरीद-बिक्री के बाद जमीन दस्तावेजों में मालिकाना हक का बदलाव हुआ तो अगले 5 साल तक इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलेगा. हालांकि, अगर अपनों के नाम पर जमीन हस्तांतरण में मालिकाना हक में बदलाव होता है तो वे इस योजना के लिए योग्य माने जाएंगे.

English Summary: Benefits of 6 thousand rupees, farmers of these states will not get Published on: 23 February 2019, 02:35 PM IST

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