देश के किसान भाई अपनी फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए कई तरह की खाद व अन्य कई कार्यो को अपनाते रहते हैं, लेकिन अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को अपनी फसल में अच्छी खाद का इस्तेमाल करना उतना ही जरूरी होता है, जितना की जीवन के लिए पानी जरूरी है.
पुराने समय से ही किसान फसल से अधिक पैदावार के लिए खाद का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. पहले किसान फसल में जैविक खाद को डालते थे, लेकिन अब समय के बदलते समय के साथ किसान फसल में रासायनिक खाद का प्रयोग कर रहे हैं.
देखा जाए, तो हरित क्रांति के बाद से ही फसलों में उर्वरकों का सबसे अधिक इस्तेमाल होने लगा. अगर आप भी अपनी फसल से अधिक पैदावार प्राप्त करना चाहते हैं, तो खाद का कुछ इस तरह से इस्तेमाल करने से बेहद फायदा मिलेगा.
सॉयल साइंटिस्ट के एक वैज्ञानिक आशिष राय के मुताबिक, मृदा में भौतिक, रासायनिक और जैविक क्रियाओं में काफी परिवर्तन हो रहा है. फिर मिट्टी को ध्यान में रखते हुए यह महसूस किया गया कि मृदा उर्वरता का संतुलन कुछ इस प्रकार से किया जाए कि फसल को सही से आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहें.
समेकित पोषक तत्व प्रबंधन का खेत में प्रयोग (In-farm application of Integrated Nutrient Management)
किसान ऐसी तकनीक का अपने खेत में इस्तेमाल करें, जिससे मिट्टी भी सुरक्षित रहे और फसल से अच्छी पैदावार भी प्राप्त हो सके. इसके लिए किसानों को खेत में अकार्बनिक एवं कार्बनिक स्रोतों का सही मात्रा में मिलाकर खेत में डालना चाहिए. इस तकनीक को समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के नाम से जाना जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य जैविक उर्वरकों का सही से उपयोग कर मिट्टी की उत्पादकता में बढ़ोतरी और पर्यावरण को संरक्षित किया जाता है. इसकी के साथ इस तकनीक से फसल की अच्छी पैदावार भी प्राप्त होती है. जिससे किसान भाइयों को अधिक लाभ प्राप्त होता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कार्बनिक खाद पौधों को धीरे-धीरे पोषक तत्व उपलब्ध करवाते हैं और वहीं रासायनिक उर्वरक का अधिक मात्रा में उपयोग करने से फसल की उपज कुछ सालों तक ही स्थाई रहती है, लेकिन फिर धीरे-धीरे उपज घटने लगती है और साथ ही मिट्टी पर भी इसका बहुत प्रभाव पड़ता है.
खेत में उर्वरकों का अधिक इस्तेमाल करने से मिट्टी के जीवाणुओं की सक्रिया कम होने लगती है. इसके बचाव के लिए किसानों को खेत में समेकित पोषक तत्व प्रबंधन का तरीका अपनाना चाहिए, ताकि पौधों को समय-समय पर उर्वरक उपलब्ध हो. इसके अलावा किसानों को कार्बनिक खाद, हरी खाद, अकार्बनिक उर्वरकों को खेती में इस्तेमाल करना चाहिए.
कार्बनिक खाद को खेत में मिलाएं (mix organic manure in the field)
खेत को सुरक्षित रखने के लिए कार्बनिक खाद किसानों के लिए रामबाण है. अब आप लोग सोच रहे होंगे कि कार्बनिक खाद कौन-कौन सी होती है. तो घबराएं नहीं, कार्बनिक खाद में गोबर की खाद, कंपोस्ट खाद, हरी खाद और कई प्रकार की खलियां आदि आती है. जिससे अच्छे से खेत की मिट्टी में मिलाया जाता है.
इससे मिट्टी को कई तरह से लाभ पहुंचता है. जैसे कि इसके इस्तेमाल से मिट्टी की भौतिक और रासायनिक अवस्था भी ठीक रहती है, मिट्टी के स्वास्थ्य और साथ ही मिट्टी में गुणों की वृद्धि भी बनी रहती है. बता दें कि पौधे मिट्टी से नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम आदि प्राप्त करते हैं. तभी यह अच्छे से वृद्धि करते हैं. इन्हें ही पोषक तत्व भी माना जाता है.
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